बिहार सरकार ने कहा-जमकर खाइए मटन-चिकेन-अंडा, नहीं असर करेगा कोरोना या बर्ड फ्लू
बिहार सरकार ने कहा है कि आप चिकेन-मटन-अंडा-मछली जमकर खा सकते हैं। इससे कोई कोरोना वायरस या बर्ड फ्लू नहीं होता। उन्होंने कहा कि इसकी खरीद-बिक्री के लिए सोशल डिस्टेंसिंग माना जाए।
पटना, जेएनएन। कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से लगे लॉकडाउन (Lockdown) के कारण बिहार में मछली, मटन चिकेन और अंडा खाने वालों की परेशानी बढ़ गई थी। लेकिन अब उनके लिए खुशखबरी है।बिहार सरकार के पशुपालन विभाग ने बिहार में मांस और मछली दुकानों से पाबंदी हटा दी है और कहा है कि, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर इसे खरीदा और बेचा जा सकता है। कृषि विभाग ने बकायदा प्रेस कान्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी और कहा कि मांसाहार का सेवन कीजिए, कोरोना और बर्ड फ्लू (Bird Flu) की वजह से डरने की कोई ज़रूरत नहीं है।
बिहार सरकार के कृषि विभाग के सचिव एन सरवण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये जानकारी देते हुए बताया कि कृषि और पशुपालन क्षेत्र लॉकडाउन से बाहर रहेंगें और साथ ही मांस-मछली की दुकानें खुली रहेंगी। पशुओं के चारा और कृषि से जुड़े हुए सामग्री के लाने-ले जाने पर रोक नहीं रहेगी।
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस का संक्रमण मांस मछलियों से जुड़ा हुआ नहीं है और भारतीय पॉल्ट्री अभी खाने के लिए सुरक्षित हैं।ऐसे में कोरोना संक्रमण के दौरान मांस मछली खाने में कोरोंना संक्रमण का कोई संबंध नहीं है।
सरवन ने बताया कि भारतीय खाद्य संरक्षण एवं मानक प्राधिकरण ने ये रिपोर्ट दी है कि 100 डिग्री के ऊपर खाना बनाने पर कोई भी वायरस बैक्टीरिया नहीं जिंदा रह पाता, बल्कि 70 डिग्री पर ही सभी वायरस और बैक्टीरिया मर जाते हैं। सरवन ने बताया कि व्हाट्सएप ग्रुप पर जो भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं खाल कर मांस मछलियों को कोरोना से जोड़कर वो गलत है।
कृषि को लेकर भी महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए सचिव ने बताया कि गेहूं की फसल कटने का समय हो गया है ऐसे में कृषि से जुड़े हुए काम लॉकडाउन से बाहर हैं और किसानों को फसल काटने की छूट है। इसके लिए किसानों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं जिसमें सोशल डिस्टेंस मेंटेन कर काम करना है। किसानों के पुआल जलाने पर भी राज्य सरकार काफी गंभीर है। कोई भी किसान फसल अवशेष को ना जलाएं इसको लेकर सभी जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिया गया है।