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बिहार में अब पंचायत परामर्शी समिति के जरिये होगा शिक्षक नियोजन! तैयारी में जुटी सरकार

Bihar Teacher Recruitment Process बिहार में पंचायतों का कार्यकाल खत्‍म होने का असर शिक्षक नियोजन प्रक्रिया पर नहीं पड़ेगा। सरकार की तैयारी है कि पंचायती राज संस्‍थाओं में गठित परामर्शी समितियों के जरिये ही शिक्षक नियोजन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 03:11 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 03:11 PM (IST)
बिहार में अब पंचायत परामर्शी समिति के जरिये होगा शिक्षक नियोजन! तैयारी में जुटी सरकार
बिहार में जारी रहेगी शिक्षक नियोजन प्रक्रिया। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना/छपरा, जागरण टीम। Teacher Recruitment in Bihar: बिहार में पंचायतों का कार्यकाल खत्‍म होने का असर शिक्षक नियोजन प्रक्रिया पर नहीं पड़ेगा। सरकार की तैयारी है कि पंचायती राज संस्‍थाओं में गठित परामर्शी समितियों के जरिये ही शिक्षक नियोजन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए। शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने पिछले दिनों कहा था कि सरकार शिक्षकों के सभी रिक्‍त पदों को भरने के लिए गंभीर है और इसमें विभाग के स्‍तर से कोई देरी नहीं होने दी जाएगी। सत्‍ताधारी दल जदयू के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दावा किया गया है कि त्रिस्‍तरीय पंचायत परामर्शी समितियों के जरिये सरकार शिक्षक नियोजन प्रक्रिया को जारी रखेगी।

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30 जून तक सभी पंचायतों में होना है परामर्शी समितियों का गठन

बिहार की त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थानों में परामर्शी समितियों का गठन होने लगा है। जिलों में पंचायत प्रतिनिधियों का शपथ ग्रहण पांच साल पहले 2016 में 15 से 30 जून के बीच हुआ था। शपथ ग्रहण की तिथि ही उस पंचायती राज संस्थान की प्रथम बैठक मानी गई है। इस प्रथम बैठक के नियत तारीख जैसे-जैसे खत्म होती जा रही हैं, वैसे-वैसे ये संस्थाएं भंग होकर स्वत: परामर्शी समिति के रूप में तब्दील होती जा रही है। अब परामर्शी समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य व सचिव ही मिलकर जिले के त्रिस्तरीय पंचायत का संचालन करेंगे।

मुखिया, अध्यक्ष व उपमुखिया होंगे उपाध्यक्ष

ग्राम पंचायतों में परामर्शी समिति के गठन के साथ मुखिया, उपमुखिया, वार्ड सदस्य का पदनाम बदलने लगा है। मुखिया अब अपने पंचायत के परामर्शी समिति के अध्यक्ष, उपमुखिया उपाध्यक्ष होंगे और इस समिति के सदस्य वहां के वार्ड सदस्य होंगे। समिति के सचिव का दायित्व का निर्वहन वहां के पंचायत सचिव करेंगे। इसी तरह ग्राम कचहरी के परामर्शी समिति के अध्यक्ष वहां के सरपंच, उपाध्यक्ष उपसरपंच व सदस्य ग्राम कचहरी के सदस्य होंगे। ग्राम कचहरी सचिव इस परामर्शी समिति के सचिव होंगे। इन पंचायत प्रतिनिधियों के केवल पद नाम बदल रहे हैं, अधिकार पुराने ही रहेंगे।

प्रखंड प्रमुख का नया पदनाम अध्यक्ष

पंचायत समिति परामर्शी समिति के अध्यक्ष वहां के प्रखंड प्रमुख होंगे। उपप्रमुख को उपाध्यक्ष बनाया जा रहा है। इस समिति के सदस्य सभी पंचायत समिति सदस्य, ग्राम पंचायत परामर्शी समिति के अध्यक्ष, उस क्षेत्र के सांसद, राज्य सभा सदस्य, विधायक, विधान पार्षद भी इस समिति के सदस्य होंगे। इस समिति का सचिव वहां के प्रखंड विकास पदाधिकारी को बनाया गया है।

जिला परिषद पदधारकों के नाम भी बदलेंगे

सारण जिला परिषद की प्रथम बैठक की तिथि जून माह का अंतिम दिन है। ऐसे में यहां पहली जुलाई को जिला परिषद परामर्शी समिति का गठन होगा। जिला परिषद के अध्यक्ष परामर्शी समिति के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का दायित्व परिषद के उपाध्यक्ष संभालेंगे। सभी जिला पार्षद इस परामर्शी समिति के सदस्य होंगे। इसके अतिरिक्त सभी प्रखंडों के पंचायत समिति के अध्यक्ष और जिले के सांसद, राज्यसभा सदस्य, सभा विधायक व विधान पार्षद भी इस परामर्शी समिति के सदस्य होंगे। इस समिति के सचिव सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी डीडीसी होंगे।


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