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बड़ा फैसला: हड़ताल पर गए 80 हजार संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की सेवा होगी समाप्त

बिहार सरकार ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि हड़ताल पर गए संविदा कर्मियों को सेवा से मुक्त कर उनकी जगह दूसरे कर्मियों की बहाली करें।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 06 Dec 2017 03:07 PM (IST)Updated: Thu, 07 Dec 2017 02:30 PM (IST)
बड़ा फैसला: हड़ताल पर गए 80 हजार संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की सेवा होगी समाप्त
बड़ा फैसला: हड़ताल पर गए 80 हजार संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की सेवा होगी समाप्त

पटना [जेएनएन]।राज्य में संविदा पर बहाल 80 हजार चिकित्साकर्मियों की नौकरी पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को हड़ताली संविदाकर्मियों का वर्क कांट्रैक्ट समाप्त करने का फरमान जारी कर दिया। समान कार्य के लिए समान वेतन और सेवा स्थाई करने जैसी मांगों के साथ राज्य के 80 हजार से भी अधिक चिकित्साकर्मी पिछले तीन दिनों से बेमियादी हड़ताल पर डटे हुए हैं।

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स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने बुधवार को राज्य के सभी जिलाधिकारी व सिविल सर्जन को निर्देश जारी किया है कि हड़ताली चिकित्साकर्मियों की जगह संविदा पर नए चिकित्साकर्मियों की बहाली की जाए। साथ ही, कार्य बहिष्कार करने वाले चिकित्साकर्मियों के वेतन भुगतान को रोक दिया जाए।

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने बुधवार को विभाग की एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद सभी जिलाधिकारी और सिविल सर्जन को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि इन चिकित्साकर्मियों के वर्क कांट्रैक्ट को तत्काल खत्म कर उनकी जगह नए कर्मियों की संविदा पर नियुक्ति की जाए।

बता दें कि संविदा पर बहाल चिकित्साकर्मियों में डॉक्टर से लेकर नर्स, एएनएम समेत निचले स्तर के चिकित्साकर्मी भी शामिल हैं। प्रधान सचिव ने डीएम व सिविल सर्जन को यह भी निर्देश दिया है कि कार्य बहिष्कार करने वाले संविदाकर्मियों के वेतन भुगतान पर भी रोक लगा दिया जाए।

दूसरी तरफ, संविदा पर बहाल हड़ताली चिकित्साकर्मियों ने भी सरकार की इस धमकी के आगे नहीं झुकने का निर्णय लिया है। उन्होंने सामूहिक आत्मदाह तक की धमकी दी है।

प्रधान सचिव ने जिलाधिकारियों व सिविल सर्जनों को लिखे अपने पत्र में कहा है कि यदि हड़ताली चिकित्साकर्मी किसी भी अस्पताल की स्वास्थ्य सेवा को प्रभावित करते हैं तो उनके खिलाफ संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए।


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