बिहार में पंचायत परामर्शी समितियों की बढ़ाई गई जिम्मेदारी, बाढ़ का असर बढ़ने पर सरकार का निर्देश
बिहार में पंचायत परामर्शी समितियों की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। उत्तर बिहार के कई जिलों में बाढ़ के बढ़ते खतरे के बीच सरकार कोरोना से बचाव को लेकर सतर्क हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के साथ जल संसाधन और पंचायती राज विभाग भी सतर्कता बरत रहा है।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में पंचायत परामर्शी समितियों की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। उत्तर बिहार के कई जिलों में बाढ़ के बढ़ते खतरे के बीच सरकार कोरोना से बचाव को लेकर सतर्क हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के साथ जल संसाधन और पंचायती राज विभाग भी विशेष सतर्कता बरत रहा है। पंचायत परामर्शी समितियों को निर्देश दिया गया है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कोरोना संक्रमित व्यक्ति के मिलते ही तत्काल प्रशासन को सूचित करें। बाढ़ के दौरान महामारी से बचाव को लेकर भी विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों में तैनात अधिकारियों को निर्देश दिया है कि त्रिस्तरीय पंचायतों के जन-प्रतिनिधियों और ग्रामीणों को रातों में तटबंधों की निगरानी के लिए जागरूक करें। जल संसाधन विभाग द्वारा वाट्स-एप ग्रुप पर पल-पल की जानकारी मंगाई जा रही है। जिला, अंचल एवं पंचायत स्तर पर बाढ़ राहत कार्य के लिए नोडल अधिकारियों को नामित किया है। यही नहीं, नोडल अधिकारियों का नाम, पता, दूरभाष, मोबाइल नंबर एवं फैक्स नंबर आदि सार्वजनिक करने के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना संक्रमितों के बचाव को लेकर मोबाइल वैन के इंतजाम किए गए हैं।
28 जिलों में बाढ़ को लेकर अलर्ट
मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण की ओर से बाढ़ से प्रभावित होने वाले सभी 28 जिलों के डीएम को अलर्ट किया गया है। वर्तमान में जिन 12 जिलों के लोग बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं, वहां राहत-बचाव के साथ तटबंधों व जमींदारी बांधों की निगरानी कार्य से निर्वतमान मुखिया को भी जोड़ा गया है। ग्रामीणों से भी तटबंधों पर नजर रखने की अपील की गई है। पटना, सीतामढ़ी, शिवहर , सुपौल, किशनगंज, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, खगडिय़ा, सारण, समस्तीपुर, सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी और सिवान में अधिक निगरानी हो रही है।
अति संवेदनशील स्थलों पर बढ़ी सुरक्षा
बाढ प्रभावित जिलों में अति संवेदनशील और संवेदनशील स्थलों की निगरानी बढ़ा दी गई है। एहतियात के तौर पर वहां खाली बोरे, लोहे की जाली, बोल्डर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है, ताकि किसी भी आपात स्थिति के दौरान तुरंत काबू पाया जा सके। बाढ़ से प्रभावित 12 जिलों के तटबंधों पर सभी अधिकारियों की ड्यूटी रात-दिन लगाई गई है।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में जिलाधिकारियों और सिविल सर्जन को नाव के जरिए कोरोना का टीका लगाने, राहत शिविरों में कोरोना की जांच और प्राथमिक उपचार के अलावा संक्रमित लोगों की पहचान कर जिला अस्पतालों में पहुंचाने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए एंबुलेंस और मोबाइल वैन के साथ ही जरूरी दूसरे इंतजाम किए गए हैं।