केंद्रीय मंत्री रामकृपाल ने कहा- बिहार सरकार से नहीं मिल रहा सहयोग
केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादव का आरोप है कि राज्य सरकार का सहयोग नहीं मिलने के कारण सूबे की जनता का कल्याण नहीं हो पा रहा हैै।
पटना। केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादव का आरोप है कि राज्य सरकार का सहयोग नहीं मिलने के कारण सूबे की जनता का कल्याण नहीं हो पा रहा हैै। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने बिहार चुनाव के मद्दे नजर हर सांसद को हर दिन पांच गांव के भ्रमण का जो आदेश दिया है, वह स्वागत योग्य है। इस दौरान सांसद लोगों से मिलेंगे। उन्हें राज्य सरकार की असफलताओं व पिछले एक साल के दौरान केन्द्र सरकार की उपलब्धियों से अवगत कराने का मौका मिलेगा। संगठन की मजबूती के लिए यह कदम आवश्यक है।
रामकृपाल यादव ने बताया कि सरकार या पार्टी के आदेश पर ही क्षेत्र से कहीं बाहर जाता हूं। मेरा अधिकांश समय क्षेत्र में ही बीतता है। बताया कि पिछले एक साल के दौरान मैंने राज्यसभा सांसद के फंड का इस्तेमाल किया। लोकसभा सांसद के फंड का इस्तेमाल नहीं किया है। सोचा था कि एक साल के फंड से अपने संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले शौचालय विहीन विद्यालयों में शौचालय बनवाऊंगा। कल ही पीयूष गोयल का पत्र मिला है कि वे यह काम करेंगे। शायद ऊर्जा व कोयला मंत्रालय मिलकर यह काम कर दे। अब मैं अपनी सांसद निधि का दूसरा बेहतर इस्तेमाल करूंगा। सूबे में केन्द्र सरकार की योजनाएं राज्य सरकार के माध्यम से चलती हैं। 2001 की जनगणना के मानक के अनुसार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में काफी काम कराया है। दीनदयाल ज्योति योजना के तहत ग्रामीण विद्युतीकरण का काम चल रहा है। मेरे मंत्रालय पेयजल व स्वच्छता से बिहार सरकार को पैसा व तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। राज्य सरकार की कोताही के कारण काम बाधित हो रहा है। इस साल होने वाले चुनाव में जनता हमे मौका देगी। जिसके बाद केन्द्र व राज्य में एक ही पार्टी की सरकार रहेगी और बेहतर तालमेल से काम होगा। अभी तो राज्य सरकार हमारे साथ दुश्मनों सा व्यवहार कर रही है। सांसद के रूप में मेरी योजनाओं को नजरअंदाज कर रही है।
राज्य सरकार को पहले से अधिक पैसा मिल रहा है। उनकी हिस्सेदारी 32 फीसद से बढ़कर 42 फीसद हो गई है। राज्य सरकार को चाहिए कि योजना बनाकर काम करे। हो यह रहा है कि राज्य सरकार अपने वोट बैंक के अनुसार काम कर रही है। राज्य सरकार को जनहित में काम करना चाहिए। वोट के आधार पर नहीं। मैंने धनरुआ प्रखंड की सोनमई पंचायत को आदर्श ग्राम के रूप चुना है। मेरे नेतृत्व में वहां एक बैठक हुई थी, जिसमें डीएम, डीडीसी शामिल हुए थे। उसके बाद एसडीओ ने वहां मीटिंग कर समस्याओं की सूची तैयार की है। उस पर काम किया जाना है, लेकिन इसके लिए राज्य सरकार के सहयोग की अपेक्षा है।