बिहार सरकार का बड़ा फैसला: माध्यमिक विद्यालयों में भी अनट्रेंड टीचर्स नहीं होंगे बहाल
शिक्षकों की नियोजन प्रक्रिया में बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। कहा है कि प्राथमिक शिक्षकों के बाद माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालयों में भी अनट्रेंड टीचर्स की बहाली नहीं होगी।
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में छठे चरण की चल रही नियोजन प्रक्रिया में एक भी अप्रशिक्षित शिक्षक बहाल नहीं होगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरिवर दयाल सिंह ने शुक्रवार को सभी संबंधित नियोजन इकाईयों को इस संबंध में जारी आदेश का अनुपालन करने को कहा है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरिवर दयाल सिंह के आदेश के मुताबिक बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा माध्यमिक/उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा, 2011 के लिए प्रकाशित बुलेटिन में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि अप्रशिक्षित अभ्यर्थियों को उक्त पात्रता परीक्षा में शामिल होने की अनुमति इस शर्त के साथ दी गई कि ऐसे अभ्यर्थियों को पांच वर्ष के अंदर एक वर्षीय स्नातक (बीएड) की योग्यता ग्रहण कर लेना होगा।
अनेक अभ्यर्थियों या संघ द्वारा यह कहा जा रहा है कि औपबंधिक मेधा सूची/अंतिम मेधा सूची को तैयार करने के क्रम में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की उक्त शर्त के तहत शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के संबंध में आवश्यक छानबीन नहीं की जा रही है, जो गलत है।
ऐसे में संबंधित सभी नियोजन इकाईयों को शिक्षा विभाग द्वारा निर्देश दिया गया है कि औपबंधिक मेधा सूची/अंतिम मेधा सूची को तैयार करने में यह आवश्यक रूप से ध्यान रखा जाए कि जो अप्रशिक्षित अभ्यर्थी शिक्षक पात्रता परीक्षा, 2011 उत्तीर्ण हो और जिसने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के की शर्तों के अनुसार पांच वर्ष के अंदर प्रशिक्षण लिया हो, उनके ही अभ्यर्थित्व पर विचार हो।
पहले ही बिहार सरकार ने कहा था-अनट्रेंड शिक्षक नहीं पढ़ा सकेंगे
पहले ही बिहार सरकार ने फैसला सुनाया था। शिक्षा विभाग के फैसले के मुताबिक अब बिहार में अनट्रेंड प्रारंभिक शिक्षक अब सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ा सकेंगे, उन सबकी सेवा समाप्त हो जाएगी। विभाग के इस फैसले से कई शिक्षकों की नौकरी चली जाएगी। विभाग ने इसपर त्वरित कार्रवाई करने की बात कही थी।
शिक्षा विभाग के अनुसार वैसे प्रारंभिक शिक्षकों को भी सेवा से मुक्त किया जाएगा जो एनआइओएस (राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान) से ट्रेनिंग लेने के बाद आयोजित परीक्षा में फेल हो गए थे। ऐसे शिक्षकों की अच्छी-खासी संख्या है और इन्हें भी अनट्रेंड माना गया है।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने पूर्व के आदेश के आलोक में सभी जिलों से अनट्रेंड शिक्षकों को सेवा से मुक्त करने पर तेजी से अमल करने का आदेश दिया था और कहा था कि अबतक ऐसे अनट्रेंड प्रारंभिक शिक्षक यदि स्कूल में जमे हैं तो उन पर क्यों नहीं कार्रवाई की गई? इसकी भी रिपोर्ट मांगी गई है।
रिपोर्ट आने के बाद उसकी समीक्षा के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि कुल कितने अनट्रेंड प्रारंभिक शिक्षकों को सेवा मुक्त किया गया और ऐसे कितने अनट्रेंड शिक्षक अब भी सेवा में हैं।