Move to Jagran APP

बिहार सरकार ने मान ली मिथिला क्षेत्र की बड़ी मांग, सदन में मिला आश्‍वासन तो खुश हो गए इलाके के लोग

बिहार सरकार ने मिथिला क्षेत्र की एक बड़ी मांग मान ली है। मिथिला क्षेत्र के लोगों ने इसके लिए इंटरनेट मीडिया पर अभियान चला रखा था। सरकार और मंत्रियों को घेरा भी जा रहा था। अब सरकार ने सदन में साफ कर दिया है उनकी बात रखी जाएगी।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 12:41 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 04:23 PM (IST)
बिहार सरकार ने मान ली मिथिला क्षेत्र की बड़ी मांग, सदन में मिला आश्‍वासन तो खुश हो गए इलाके के लोग
बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। मिथिला क्षेत्र की बड़ी मांग बिहार सरकार ने पूरी कर दी है। कांग्रेस सदस्य प्रेमचंद्र मिश्रा के ध्यानाकर्षण पर विधान परिषद में कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने यह आश्वासन दिया है कि बिहार के मखाना को मिथिला मखाना के नाम से ही पूरी दुनिया जानेगी। मिथिला मखाना के नाम से ही जीआइ टैग देने का प्रस्ताव है, जो प्रक्रियाधीन है। मखाना के कुल उत्पादन का 90 फीसद बिहार में होता है और उसमें भी 88 फीसद सिर्फ दरभंगा, मधुबनी, पूर्णिया और कटिहार जिले में होता है। यह पूरे बिहार के लिए गर्व की बात है। आपको बता दें कि मखाना को बिहार की बजाय मिथिला के नाम से जीआइ टैग देने के लिए इंटरनेट मीडिया पर बड़ा अभियान चला था।

loksabha election banner

'कब्रिस्तान है या नहीं' के सवाल पर मंत्री से बहस

विधान परिषद में कब्रिस्तान के सवाल पर जदयू सदस्य अपनी ही सरकार के मंत्री विजेंद्र यादव से उलझ गए। जदयू सदस्य गुलाम गौस ने पटना जिले धनरुआ प्रखंड के सांडा ग्राम में कब्रिस्तान की घेराबंदी न होने का सवाल उठाया। इस पर प्रभारी गृह मंत्री के तौर पर जवाब दे रहे विजेंद्र यादव ने बताया कि वह कब्रिस्तान है ही नहीं। इतना सुनते ही गुलाम गौस के साथ जदयू के ही खालिद अनवर भी अपनी सीट से खड़े हो गए और इसका ऊंची आवाज में विरोध किया। गुलाम गौस ने इसे भ्रामक और गैर जिम्मेदार बयान बताया। विजेंद्र यादव ने भी पलटवार करते हुए कहा कि चिल्लाइए नहीं। लिखकर दीजिए। वहां खेल-कूद होता है। कागजात दीजिए। जांच कराएंगे।

इस साल लगाए गए 3.87 करोड़ पौधे : नीरज

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री नीरज कुमार बबलू ने विधानपरिषद में बताया कि इस वित्तीय वर्ष में पांच करोड़ पौधे लगाए जाने के लक्ष्य के विरुद्ध 18 नवंबर तक 3 करोड़ 87 लाख 62 हजार 497 यानी 77 फीसद पौधों का रोपण किया जा चुका है। सरकार तस समय से पहले पांच करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा कर लेगी। सदस्य ललन सर्राफ के सवाल पर मंत्री ने जिलावार पौधरोपण की सूची भी सौंपी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.