पटना जंक्शन पर दिखेगी बिहार की झलक, विनाइल मेटेरियल से सजेगी दीवार
पटना जंक्शन जल्द ही बदले-बदले रूप में दिखेगा। एेतिहासिक बिहार की झलक स्टेशन पर उतरते ही लोगों को दिख जाएगी।
चंद्रशेखर, पटना। बिहार का भ्रमण करने के लिए आने वालों को पटना में ही पूरे राज्य की झलक दिख जाएगी। पूर्व मध्य रेल के प्रमुख स्टेशनों में एक पटना जंक्शन को विकसित किया जा रहा है। इसे एेसा रूप दिया जा रहा है कि पुराने ऐतिहासिक गौरवशाली बिहार की झांकी यहां ही देखने को मिल जाए। इसके लिए पटना जंक्शन के मेन स्ट्रक्चर में छेड़छाड़ किए बगैर ही इसके बाहरी लुक को पूरी तरह बदलने की कवायद शुरू कर दी गई है।
सम्राट अशोक से लेकर यक्षिणी भी रहेगी
स्टील के स्ट्रक्चर पर विशेष तरह के विनाइल मेटेरियल की दीवार बनाई जाएगी। इस पर एक सीरीज में महात्मा गांधी, आर्यभट्ट, चाणक्य, चंद्रगुप्त, गौतम बुद्ध, सम्राट अशोक, यक्षिणी के साथ-साथ पुरातन धार्मिक परंपरागत छठ की छठा भी देखने को मिलेगी। दीवारों पर कहीं नालंदा विश्वविद्यालय की छटा तो कहीं बोधगया के मंदिर की झलक भी देखने को मिलेगी। मगध साम्राज्य के केंद्र पुरातन राजगृह की छटा भी इन दीवारों पर उकेरी जाएगी। इसकी खूबसूरती में चार-चांद लगाने के लिए स्मार्ट लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है।
खास किस्म के विनाइल मैटेरियल का इस्तेमाल
सौंदर्यीकरण कार्य को अंजाम दे रहे वरीय मंडल अभियंता सुजीत कुमार झा ने बताया कि यह पूरी अवधारणा मंडल रेल प्रबंधक रंजन प्रकाश ठाकुर की है। काफी कम खर्च में उन्होंने इसके सौंदर्यीकरण की योजना बनाई है। इस विशेष तरह के विनाइल मैटेरियल को डब्लूपीसी मेटेरियल कहा जाता है। इसमें प्लास्टिक के साथ ही लकड़ी मिली होती है। यह पूरी तरह वाटरप्रूफ व फायरप्रूफ प्लास्टिक मैटेरियल है, जो काफी मजबूत होता है। स्टील के फ्रेम पर इसे बेहतर तरीके से फिट किया जाता है।
उकेरी जाएंगी आकृतियां
महापुरुषों की तस्वीर बनाने के लिए पेंटिंग नहीं की जाएगी, बल्कि छोटे व बड़े होल के सहारे आकृतियों को इस विनाइल बोर्ड पर उकेरा जाएगा। बड़े होल का व्यास 35 मिमी तथा छोटे होल का व्यास 10 मिमी होगा। होल को इस तरीके से बनाया जाएगा कि दूर से यह पूरी आकृति दिखे। नजदीक से देखने पर कुछ पता नहीं चल पाएगा। पूरे भवन को उजला रंग में रंगा जाएगा।
स्मार्ट लाइटिंग पर खर्च किए जाने हैं सवा करोड़ रुपये
रात में इसकी दीवारों को स्मार्ट लाइटिंग से रोशन किया जाएगा। केवल लाइटिंग पर 1 करोड़ 20 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। हर 5 मिनट पर इसकी लाइट का रंग बदल जाएगा। दूर से इस भवन को देखने पर काफी खूबसूरत दिखेगा। बीच-बीच में सुराख बने होने से हवा का दबाव भी नहीं पड़ेगा। पूरे भवन के निर्माण पर पांच करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसकी बनावट वाशेबल होगी तथा हर 15 दिन पर इसकी धुलाई होगी।
कंप्यूटराइज्ड की जाएगी लाइटिंग व्यवस्था
दानापुर के मंडल रेल प्रबंधक रंजन प्रकाश ठाकुर ने बताया कि पटना जंक्शन के स्ट्रक्चर में छेड़छाड़ किए बगैर इसके सौंदर्यीकरण का काम तेजी से चल रहा है। जंक्शन पर उतरते ही ऐतिहासिक गौरवशाली बिहार की झलक देखने को मिलेगा। इसकी लाइटिंग व्यवस्था पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड होगी। 31 मार्च तक इसके सौंदर्यीकरण का काम पूरा कर लिया जाएगा।