Bihar Flood Alert: बिहार में बाढ़ को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, सभी जिलों के सिविल सर्जनों को मिल गया नया टास्क
बिहार में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के सिविल सर्जनों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। बोट एंबुलेंस और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में महामारी रोकथाम के लिए भी तैयारी करने को कहा गया है। गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं का विशेष ध्यान रखने के निर्देश भी दिए गए हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिलों के सिविल सर्जनों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने जिले में बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए पर्याप्त संख्या में बोट, एंबुलेंस के साथ दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सिविल सर्जनों के साथ समीक्षा की। बोट, एंबुलेंस के साथ ही उन्होंने अपने निर्देश में कहा कि जहां बाढ़ का पानी उतर रहा है, वहां महामारी नहीं फैले, इसके लिए तैयारी में जुट जाएं।
आवश्यकतानुसार ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करें। गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने दरभंगा जिले में आने वाले सभी प्रखंडों पर विशेष ध्यान देने पर बल दिया।
सीतामढ़ी के रून्नीसैदपुर, खगडिय़ा के अलौली आदि प्रखंडों में विशेष नजर रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए। बैठक में स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत और निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. मनोज कुमार चौधरी व अन्य उपस्थित रहे।
बाढ़ मॉनीटरिंग के लिए बनाया गया नियंत्रण कक्ष
बाढ़ से उत्पन्न बीमारियों और महामारी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बकायदा एक नियंत्रण कक्ष बना दिया है। नियंत्रण कक्ष में 15 अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।
बाढ़ की अवधि तक 104 कॉल सेंटर राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रशासी पदाधिकारी राजेश कुमार की अध्यक्षता में संचालित रहेगा।
इस टीम में राज्य सर्वेक्षण पदाधिकारी डॉ. रणजीत कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी (मातृ स्वास्थ्य) डॉ. विजेता सिन्हा, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुनील कुमार, राज्य कार्यक्रम प्रबंधक (शहरी स्वास्थ्य) मसूद आलम, सहायक निदेशक (औषधि) मनीष रंजन, आदि शामिल किए गए हैं।