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दलितों पर अल्‍पसंख्‍यकों के अत्‍याचार के सवाल पर मांझी ने खोला मुंह, भाजपा बोली-ये अनुकंपा वाले हैं

Bihar Politics दलितों और मुसलमानों के बीच कथित संघर्ष के बहाने सरकार पर हो रहे हमले का जवाब पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने दिया है। उन्होंने मंगलवार को टवीट कर कहा-बिहार में कानून अपना काम कर रहा है। जवाब में भाजपा ने मांझी को अनुकंपा वाला बताया।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 07:36 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 07:36 PM (IST)
दलितों पर अल्‍पसंख्‍यकों के अत्‍याचार के सवाल पर मांझी ने खोला मुंह, भाजपा बोली-ये अनुकंपा वाले हैं
जीतन राम मांझी और नीतीश कुमार। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। दलितों और मुसलमानों के बीच कथित संघर्ष के बहाने सरकार पर हो रहे हमले का जवाब पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने दिया है। उन्होंने मंगलवार को टवीट कर कहा-बिहार में कानून अपना काम कर रहा है। जवाब में भाजपा ने मांझी को अनुकंपा वाला बताया। मालूम हो कि पूर्णिया, चंपारण, गोपालगंज और जमुई में मुसलमानों की ओर से दलितों पर हो रहे कथित अत्याचार को लेकर भाजपा के कुछ नेता आरोप लगा रहे हैं। सरकार में भाजपा कोटे के मंत्री जनक राम ने कहा था कि गोपालगंज और जमुई में महादलितों का मत परिवर्तन कराया जा रहा है।

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पूर्णिया के मसले पर भी भाजपा ने उठाए थे सवाल

इससे पहले भाजपा नेताओं ने पूर्णिया के एक गांव में अल्पसंख्यकों पर दलितों की बस्ती में आग लगाने का आरोप लगाते हुए स्थानीय प्रशासन की आलोचना की थी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने चंपारण की एक घटना का जिक्र अपने फेसबुक पोस्ट में किया था। मांझी ने अपने टवीट में लिखा है-पूर्णिया की घटना के बाद वहां के मुस्लिम समाज के लोगों ने दलित समाज के भाइयों के पक्ष में खड़े रहकर बता दिया कि सूबे के दलित-मुस्लिम एकजुट हैं। दलित-मुस्लिम एकता से जिन लोगों के पेट में दर्द हो रहा है, वही बिहार सरकार पर अंगुली उठा रहे हैं।

बिना नाम लिए मांझी पर हमला

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने मांझी के टवीट के जवाब में बिना उनका नाम लिए टवीट किया-अनुकंपा पर राजनीति करने वाले दलित नेताओं का सच। बंगाल, वायसी और चंपारण हिंसा पर चुप। कोई आइना दिखा दे तो दलित-मुस्लिम एकता के नाम पर हाय-हाय करने लगते हैं। मेरा वोट बैंक, मेरा सेकुलरिज्म के नाम पर हाय हाय करते हैं। दलितों की लाशें गिरने के बाद भी यह जोगेंद्र नाथ मंडल आंख खोलने से डरते हैं। (जोगेंद्र नाथ मंडल पाकिस्तान की पहली सरकार में कानून मंत्री थे। दलित उत्पीडऩ की शिकायत कर उन्होंने लियाकत अली खां कैबिनेट से इस्तीफा दिया था। वह खुद अनुसूचित जाति के थे।)


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