भागलपुर, मुजफ्फरपुर और मुंगेर के बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर, पटना की तरह ही कराना होगा रिचार्ज
Smart Prepaid Electricity Meters in Bihar पटना में पहले से ही नए किस्म के मीटर लगाने का काम तेज कर दिया गया है। इस मीटर के लग जाने के बाद बिजली बिल जमा करने की समस्या ही खत्म हो जाएगी। इसमें रिचार्ज करने पर बिजली सप्लाई होती है।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Electricity Consumers News: बिहार की बिजली कंपनी अब सूबे के नए शहरों में स्मार्ट प्री पेड मीटर लगाए जाने की तैयारी कर रही है। दक्षिण बिहार और उत्तर बिहार के लिए इस बाबत निविदा को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा। हाल ही में राज्य कैबिनेट ने पूरे प्रदेश में स्मार्ट प्री पेड बिजली मीटर लगाए जाने को अनुमति प्रदान की थी। पटना में पहले से ही नए किस्म के मीटर लगाने का काम तेज कर दिया गया है। इस मीटर के लग जाने के बाद बिजली बिल जमा करने की समस्या ही खत्म हो जाएगी। इसमें प्रीपेड मोबाइल की तरह ही रिचार्ज करने पर बिजली सप्लाई होती है। रिचार्ज की राशि खत्म होते ही बिजली खुद ब खुद कट जाती है। स्मार्ट मीटर इस स्थिति में सप्लाई रोक देता है।
उत्तर बिहार से अधिक दक्षिण बिहार में लगेंगे स्मार्ट प्री पेड मीटर
बिजली कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार यह योजना बनी है कि अभी उत्तर बिहार से अधिक दक्षिण बिहार में स्मार्ट प्री पेड मीटर लगाए जाने का काम आरंभ होगा। दक्षिण बिहार के लिए जो पैकेज बनाए जा रहे वह 36 लाख स्मार्ट प्री पेड मीटर का है। इसके तहत फिलहाल भागलपुर और मुंगेर में यह लगाया जाएगा। इसी तरह उत्तर बिहार के लिए बनी योजना के तहत दस लाख स्मार्ट प्री पेड मीटर लगाया जाएगा। यह मुजफ्फरपुर के शहरी क्षेत्र के लिए है।
सभी डिवीजन का काम पूरा होने के बाद ही दूसरे शहर का काम
बिजली कंपनी ने यह लक्ष्य तय किया है कि अलग-अलग शहरों में उपभोक्ताओं की संख्या के हिसाब से पैकेज बनाकर स्मार्ट प्री पेड मीटर के लिए निविदा की जाएगी। संबंधित शहर के सभी डिवीजन में स्मार्ट प्री पेड मीटर लगाए जाने का काम पूरा करने के बाद ही दूसरे शहर के लिए काम आगे बढ़ाएगी कंपनी।
- नए शहरों में स्मार्ट प्री पेड मीटर लगाए जाने की तैयारी कर रही बिजली कंपनी
- भागलपुर व मुंगेर में 36 लाख स्मार्ट प्री पेड मीटर लगेंगे, मुजफ्फरपुर में दस लाख
- जल्द ही इन शहरों के लिए बिजली कंपनी करेगी निविदा
एक साथ कई कंपनियों को लगाया जाएगा इस काम में
बिजली कंपनी एक साथ कई कंपनियों को इस काम में लगाएगी। वर्तमान में मुख्य रूप से केंद्र सरकार के उपक्रम ईईएसएल के माध्यम से हो रहा है। अब जब इसे लगाने की संख्या लगातार बढ़ेगी तो कंपनियों की संख्या स्वाभाविक रूप से आगे बढ़ेगी।