Bihar Election: विधायक जी को देख वृद्ध लगा गुनगुनाने, कब मैंने ये सोचा था...तुम इतने बदल जाओगे...
आजकल माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर एक वीडियो वायरल हुआ है। बेगूसराय में विधायक जी प्रचार करने पहुंचे तो उनकी मुलाकात 70 वर्षीय वृद्ध से हो गई। वृद्ध को न जाने क्या सूझी और उन्होंने जन प्रतिनिधी को देखते ही गुनगुनाना शुरू कर दिया। कब मैंने ये सोचा था...
पटना, जेएनएन। सोशल मीडिया के रंग अनेक तो यूजर के मुद्दे भी। यहां चाल भी नापी जा रही और चरित्र भी। ट्विटर पर एक वीडियो वायरल हुआ है। बेगूसराय में विधायक जी प्रचार करने पहुंचे तो उनकी मुलाकात 70 वर्षीय वृद्ध से हो गई। वृद्ध को न जाने क्या सूझी और उन्होंने जन प्रतिनिधी को देखते ही गुनगुनाना शुरू कर दिया। फिल्म चुनी शाहरुख खान की डुप्लिकेट। गाने के बोल थे-कब मैंने ये सोचा था... तुम इतने बदल जाओगे...बात इतनी हुई कम से कम, शुक्रिया मेहरबानी करम...। गीत सुन विधायक जी ने तारीफ की और यूजर कमेंट पर कमेंट कर रहे।
चुनाव आयोग कराए मतदाताओं का बीमा
इधर, वोटर अब सुरक्षा मांगने लगे हैैं। ट्विटर पर अर्जुन चौरसिया लिखते हैैं, कोरोना काल में मतदान करने जा जाने वाले वोटरों का चुनाव आयोग बीमा कराए। पहले गारंटी, फिर मतदान।
इसबार सत्तू पीकर वोट मांगने जाएं
सत्य प्रकाश मिश्रा प्रत्याशियों को चुनाव में सफलता पाने का नुस्खा बता रहे हैैं। कहते हैैं, केवल लिट्टी पर निर्भर न रहें, इसबार सत्तू पीकर वोट मांगने जाएं, परिणाम बेहतर आएगा। वसीम शेख ने तो मतदाताओं को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। कहते हैैं, वो फिर आकर आपसे कहेंगे कि मैैं किसान का बेटा हूं। जमीन से जुड़ा हूं, पर आप झांसे में मत आइएगा, अपनी समझ से बटन दबाइएगा।
सोशल मीडिया पर नेताओं की फिक्र
ऋतुराज बिहार के युवा नेताओं की फिक्र जता रहे हैं। इनका मानना है कि लालू-पासवान के राजनीतिक जूतों में उनके बेटों का पैर फिट बैठ ही जाए, ये जरूरी नहीं। चिराग, तेजस्वी और तेजप्रताप को थोड़ा समय देना चाहिए। काजल सिंह कहती हैैं कि जितना हमारे यहां दूल्हे को भाव नहीं मिलता उससे ज्यादा गठबंधन में शामिल होने के लिए नेताओं को मिल रहा। भाई, चुनाव पांच साल का है, सात जन्मों का नहीं। ऐसे कई मजूदार ट्वीट बिहार चुनाव को लेकर सोशल मीडिया पर तैर रहे हैं।