Move to Jagran APP

Bihar Election Results 2019: बिहार में फिर से सलामत रहे दोस्ताना हमारा...जानिए

Bihar Election Results 2019 बिहार में एनडीए ने बंपर जीत दर्ज की है औऱ वहीं पांच दलों के मेल से बना महागठबंधन को करारी हार मिली है। पीएम मोदी-सीएम नीतीश की दोस्ती हिट कर गई है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 23 May 2019 03:34 PM (IST)Updated: Fri, 24 May 2019 10:22 PM (IST)
Bihar Election Results 2019:  बिहार में फिर से सलामत रहे दोस्ताना हमारा...जानिए
Bihar Election Results 2019: बिहार में फिर से सलामत रहे दोस्ताना हमारा...जानिए

पटना, काजल। बिहार में एनडीए ने क्लीन स्वीप किया है और उम्मीद से बड़ी जीत दर्ज की है। बिहार की कुल 40 सीटों पर सात चरणों में हुए मतदान के बाद 23 मई को वोटों की गिनती हो रही है, जिसमें एनडीए ने बिहार में अपनी पैठ बनायी है और महागठबंधन बिल्कुल बेअसर दिख रहा है।

loksabha election banner

जनता ने एक बार फिर से पीएम मोदी और सीएम नीतीश की दोस्ती को सलाम किया है तो वहीं राजनीति के युवा चेहरों राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की दोस्ती को सिरे से नकार दिया है।

पीएम मोदी-सीएम नीतीश की मजबूत है बॉन्डिंग

पीेम नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब भी एक-दूसरे से मिलते हैं दोनों के बीच परस्पर बॉन्डिंग मजबूत नजर आती है। दोनों मंच से एक-दूसरे की तारीफ करना भी नहीं भूलते। नीतीश कुमार ने महागठबंधन में रहते हुए भी पीएम मोदी के कई फैसलों की जमकर तारीफ की थी, तो वहीं पीएम मोदी ने भी सीएम नीतीश की कई बार सराहना की थी।

इस लोकसभा चुनाव में जदयू-भाजपा और लोजपा की तिकड़ी ने सीट शेयरिंग से लेकर चुनाव के आखिरी चरण तक एक-दूसरे के प्रति विश्वास बनाए रखा, जिसका परिणाम 23 मई को दिखा जब बिहार में एनडीए ने क्लीन स्वीप किया जिसकी किसी को आशा नहीं थी। 

दोनों ने जमकर एक-दूसरे को सराहा 

चुनाव प्रचार में पीएम मोदी और सीएम नीतीश के बीच वही मजबूत बॉन्डिंग दिखी और दोनों ने साथ-साथ जनसभाएं कीं। दोनों ने मंच से एक-दूसरे के लिए तारीफों के पुल बांधे और एक-दूसरे के काम की जमकर सराहना की। जिसपर विपक्षी नेताओं ने जमकर तंज कसा और कई तरह के कटाक्ष किए। लेकिन, बिहार की जनता ने इस जोड़ी पर भरोसा जताया और अपना मत दिया। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार ने एकसाथ भागलपुर के सैंडिस कंपाउंड में चुनावी सभा को संबोधित किया, जहां पीएम मोदी के भाषण से पहले सीएम नीतीश ने जनता को संबोधित किया। नीतीश कुमार ने मंच से पीएम मोेदी की जमकर तारीफ की और कहा कि वो बेस्ट पीएम हैं। उनके मन में देश की रक्षा के लिए पूरी सतर्कता रहती है।

नीतीश ने कहा कि हमारे पीएम ऐसे हैं जिन्हें आतंकवाद के खिलाफ जो भी जरूरी कार्रवाई होती है उसे करने में देरी नहीं करते हैं। इसके साथ ही वो देश के गरीब-गुरबा लोगों के लिए काम करने में जुटे रहते हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि पीएम ने आंतकवाद पर मजबूती से काम किया है। उन्होंने बरौनी खाद कारखाना की  शुरुआत की और इसके साथ ही पटना में मेट्रो रेल परियोजना की शुरुआत की। 

तो वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने भी बिहार के सीएम नीतीश कुमार की चुनावी सभाओं में जमकर तारीफ की और कहा कि नीतीश जी ने लालटेन को हर घर से निकालकर बाहर कर दिया। इसके साथ ही पीएम ने बिहार में हुए विकास कार्यों की भी जमकर सराहना की और इसके लिए जनता के सामने नीतीश को सराहा।

नीतीश भाजपा गठबंधन में रहते हैं सहज

सीएम नीतीश जितना भाजपा के साथ गठबंधन में खुद को सहज महसूस करते हैं उतना ही महागठबंधन में खुद को असहज महसूस करते थे। उससे पहले उन्होंने भाजपा से नाता तोड़कर 2014 में अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन, इस चुनाव में जेडीयू का प्रदर्शन बहुत निराशाजनक रहा था।

भाजपा को छोड़ खराब रहा जदयू का प्रदर्शन 

सूबे के मुख्यमंत्री होने के बावजूद नीतीश कुमार अपनी पार्टी को महज 2 सीटों पर जिताने में कामयाब रहे थे, जो एक दशक में जेडीयू का यह सबसे खराब रिजल्ट था। इससे पहले 2009 में जेडीयू बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उसने कुल 40 में से अकेले 20 लोकसभा सीटों (24% वोट) पर जीत दर्ज की थी जबकि बीजेपी 12, आरजेडी 4 और कांग्रेस 2 सीटें ही जीत पाई थी।

नीतीश के साथ भाजपा की जीत का सफर जारी है....

नीतीश कुमार के राजनीतिक इतिहास पर नजर डालें तो वो भाजपा के साथ सहज महसूस करते हैं। बीजेपी के सहयोग से उन्हें अहम जिम्मेदारियां संभालने का मौका भी मिला। 1996 में खुलेतौर पर बीजेपी के समर्थन में उतरे नीतीश कुमार केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार का हिस्सा रहे। इसके बाद 2005 में बीजेपी के सहयोग से ही वो बिहार के मुख्यमंत्री बने और उनका ये सफर अब तक जारी है।

हालांकि, इस रास्ते में नीतीश ने एक बार बीजेपी का साथ भी छोड़ा, लेकिन उनकी लालू यादव से बन नहीं पाई और महागठबंधन का हिस्सा होते हुए भी उन्होंने अपने विरोधी भाजपा की तरफदारी की और फिर महागठबंधन तोड़कर फिर से भाजपा में लौट गए। नीतीश कुमार का जलवा कहें या मोदी की सुनामी, इस बार फिर से गठबंधन ने कमाल कर दिया है।  

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.