Bakhtiarpur vidhan sabha Chunav Result: नीतीश के पैतृक क्षेत्र में नहीं टूटी परंपरा! बख्तियारपुर में खिला कमल
Bakhtiarpur election Result: बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर बख्तियारपुर विधानसभा सीट पर सबकी नजरें टिकी थी। यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पैतृक क्षेत्र है। यहां के लोग जानना चाहते हैं कि क्या इस बार परंपरा कायम रहेगी या टूटेगी।

सीएम नीतीश कुमार के साथ प्रत्याशी अरुण कुमार। जागरण आर्काइव
डिजिटल डेस्क, पटना। Bakhtiarpur vidhan sabha Election Result 2025: बख्तियारपुर विधानसभा सीट पर परंपरा नहीं टूटी। यहां लगातार दो जीत का रिकार्ड नहीं टूट सका।
चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (आर) ने कांटे के मुकाबले में जीत हासिल कर ली है। एक समय वे पीछे भी हो गए थे, लेकिन आखिरकार जीतने में सफल रहे।
28 राउंड की मतों की गिनती के बाद 88520 मत लाकर वे 981 वोटों के अंतर से जीते। राजद के अनिरुद्ध कुमार की झोली में 87539 मत पड़े।
बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पैतृक घर है, लेकिन संयोग है कि यहां से जदयू एक भी चुनाव नहीं जीत सका।
पिछले 20 वर्षों से यहां भाजपा और राजद के बीच टक्कर होती रही है। बीते 2020 के चुनाव में यहां राजद ने जीत हासिल की थी।
राजद के अनिरुद्ध कुमार 89,241 मत हासिल कर भाजपा प्रत्याशी रणविजय सिंह को हराया था। पिछले छह चुनावों से लगातार दो बार कोई पार्टी नहीं जीत सकी है।
राजनीतिक दृष्टिकोण से देखें तो 1951 से 1990 तक हुए 11 विधानसभा चुनावों में 10 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की। इस अवधि में एक बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी को 1972 में और जनता दल को 1995 में यहां से जीत मिली।
सन 1990 के बाद कांग्रेस की जड़ें यहां कमजोर होती चली गई। वर्ष 2000 से यहां भाजपा और राजद के बीच आमने-सामने का मुकाबला होता रहा है।
एक बार राजद तो दूसरी बार भाजपा। इस तरह से तीन-तीन बार दोनों पार्टियों को इस सीट पर जीत नसीब हुई है। वर्ष 2020 के चुनाव में राजद के अनिरुद्ध कुमार ने 20 हजार से अधिक वोटों से यहां फतह हासिल की।
क्षेत्र में यादव, कुर्मी-कोइरी, मुस्लिम, राजपूत और अनुसूचित जाति के मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। यही वजह है कि हर चुनाव में उम्मीदवार जातीय संतुलन को साधने की कोशिश करते हैं।
बिहार के उपमुख्यमंत्री रहे रामजयपाल सिंह कांग्रेस के टिकट पर तीन बार यहां से चुनाव जीते थे। रामलखन सिंह यादव भी यहां से विधायक निर्वाचित हो चुके हैं।
सीट राज्य की राजनीति में हमेशा से अहम रही है। गंगा किनारे बसा यह इलाका कृषि प्रधान है। यह जातीय और सामाजिक समीकरणों के लिहाज से भी खासा असरदार माना जाता है।
आजादी के बाद जब पहली बार विधानसभा चुनाव हुए तभी से यह सीट अस्तित्व में है। शुरुआती दौर में यहां कांग्रेस का दबदबा रहा, लेकिन 1970 और 80 के दशक में समाजवादी विचारधारा और वामपंथी राजनीति ने भी यहां अपनी पकड़ मजबूत की।
धीरे-धीरे यह सीट राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और जनता दल (यू) के बीच खींचतान का केंद्र बन गई। राजधानी मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर पूरब स्थित यह विधानसभा क्षेत्र पास के नालंदा जिले से भी करीब है।
यह दिल्ली-हावड़ा मुख्य रेल लाइन पर एक महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शन भी है। इस विधानसभा क्षेत्र में बख्तियारपुर के अलावा दनियावां और खुसरूपुर प्रखंड आते हैं।
बख्तियारपुर विधानसभा से 2020 तक के विधायक
- 1952-सुंदरी देवी
- 1957-मो सलाहुद्दीन चौधरी
- 1962-रामयतन यादव
- 1967-डी सिंह
- 1969-धर्मेश्वर सिंह
- 1972-भोला प्रसाद सिंह
- 1977-भूदेव सिंह
- 1980-रामलखन सिंह यादव
- 1980, 1985, 1990-रामजयपाल सिंह यादव
- 1995-ब्रजनंदन यादव
- 2000-विनोद यादव
- 2005-अनिरुद्ध कुमार यादव
- 2005-विनोद यादव
- 2010-अनिरुद्ध कुमार यादव
- 2015-रणविजय सिंह
- 2020-अनिरुद्ध कुमार यादव

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