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Bihar Election Result 2020: शत्रुघ्न सिन्हा परिवार ने लगाई हार की हैट्रिक, जीतन राम मांझी को जीत की संजीवनी, वीआइपी को मिली जमीन

Bihar chunav result 2020 बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजे सामने आ चुके हैं। इन नतीजों ने कई लोगों की नींद हैरान कर दी है तो कई के लिए राजनीतिक जमीन भी दे दी है। जानिए इस चुनाव में शत्रुघ्‍न सिन्‍हा जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी का क्‍या हुआ

By Shubh NpathakEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 09:17 AM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 09:17 AM (IST)
Bihar Election Result 2020: शत्रुघ्न सिन्हा परिवार ने लगाई हार की हैट्रिक, जीतन राम मांझी को जीत की संजीवनी, वीआइपी को मिली जमीन
शत्रुघ्‍न सिन्‍हा के परिवार को लगातार मिल रही हार। जागरण

पटना, जेएनएन। भाजपा छोडऩे के बाद चुनाव दर चुनाव पूर्व केंद्रीय मंत्री व अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा परिवार सियासी पिच पर पीट रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के शत्रु बनते ही बिहारी बाबू पटना साहिब संसदीय सीट से चुनाव हार गए। वहीं, पत्नी पूनम सिन्हा लखनऊ संसदीय सीट से सपा की टिकट चुनाव लड़ी और हर गईं। अब बेटे लव सिन्हा ने बांकीपुर सीट से चुनाव हारकर परिवार में हार की हैट्रिक पूरी कर दी। अहम यह रहा कि बांकीपुर सीट पर लव सिन्हा भाजपा के नितिन नवीन से 37 हजार से अधिक वोटों से हार गए।

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जीतन राम मांझी को फिर से मिली जमीन

बिहार की राजनीति में विगत पांच वर्षों से जमीन तलाशते जीतन राम मांझी को भी आखिरकार पैर रखने की जमीन मिल ही गई। मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने चार सीट पर जीत दर्ज कराई है। चुनाव शुरू होने के कुछ समय पहले तक  वे महागठबंधन का हिस्सा थे। लेकिन चुनाव शुरू होने के करीब महीने भर पहले मांझी महागठबंधन से अलग हो गए। मांझी ने जदयू से मिली सात सीटों में चार इमामगंज, बाराचट्टी, टेकारी और सिकंदरा में जीत दर्ज कराई।

वीआइपी को मिली जगह पर खुद हार गये मुकेश सहनी

मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी को भाजपा ने अपने कोटे से 11 सीटें दीं। इनके प्रत्‍याशी चार प्रत्‍याशी जीतने में सफल रहे। बिहार में अपनी पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में उतरने वाले मुकेश सहनी खुद का चुनाव नहीं जीत सके। उन्होंने सिमरी बख्तियारपुर से चुनाव लड़ा था पर वे यहां से जीत दर्ज नहीं करा सके। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि सहनी अब विधान परिषद जाएंगे। बता दें कि भाजपा ने सीटों के बंटवारे में सहनी को विधान परिषद की भी एक सीट दी थी। जिस पर सहनी खुद परिषद जाएंगे।

वीआइपी और हम में कई समानताएं

इन दो दलों में एक समानता है कि दोनों ने करीब पांच साल पहले अपनी-अपनी पार्टियां बनाई। हालांकि मांझी की चुनावी राजनीति का सफर करीब 40 वर्ष लंबा है मगर दूसरी ओर मुकेश सहनी इस मामले में राजनीति में बेहद नए खिलाड़ी हैं। उन्होंने भाजपा के साथ अपनी राजनीति की शुरुआत की और बाद में महागठबंधन में शामिल हो गए थे। इन दोनों दलों ने 2019 का लोकसभा चुनाव तीन-तीन सीटों पर लड़ा पर जीत नहीं सके। यह पहला मौका है जब पांच वर्ष में पहली बार मांझी के अलावा उनकी पार्टी हम के तीन नेताओं ने चुनाव में जीत हासिल की है। इसी प्रकार मुकेश सहनी के भी चार उम्मीदवार पहली बार जीतकर विधानसभा तक पहुंचे हैं।


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