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Bihar Election 2020: विकास व राेजगार से जंगल राज तक के मुद्दे रहे हावी, अंतिम चरण में गरमाया घुसपैठियों का भी मामला

Bihar Assembly Election 2020 बिहार चुनाव के अंतिम चरण का मतदान शनिवार संपन्‍न हो चुका है। पूरे चुनाव के दौरान कुछ प्रमुख मुदछे लगातार चर्चा में रहे। विकास राेजगार जंगल राज राष्‍ट्रवाद किसान व अप्रवासी आदि के मुद्दे लगातार छाए रहे। अंतिम दौर में इसमें घुसपैठिए भी घुस गए।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 10:31 AM (IST)Updated: Sat, 07 Nov 2020 06:25 PM (IST)
Bihar Election 2020: विकास व राेजगार से जंगल राज तक के मुद्दे रहे हावी, अंतिम चरण में गरमाया घुसपैठियों का भी मामला
पीएम मोदी, सीएम नीतीश, तेजस्‍वी यादव एवं चिराग पासवान। फाइल तस्‍वीरें।

पटना, जेएनएन। Bihar Election 2020 बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) में विकास व रोजगार से लेकर जंगलराज व राष्‍ट्रवाद तक कई मुद्दे चर्चा में रहे। कोरोना संक्रमण के काम में हो रहे इस चुनाव में लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों की परेशानियों को भी मुद्दा बनाया गया। ये मुद्दे पहले व दूसरे चरण के मतदान के दौरान हावी रहे। अंतिम चरण में मतदान के पहले इनमें घुसपैठियों व सीएए-एनआरसी का मुद्दा भी शामिल हो गया। विदित हो कि बिहार में शनिवार को 15 जिलों के 78 विधानसभा क्षेत्रों में वोट डाले गए। जिनमें मुस्लिम बहुल सीमांचल के इलाके शामिल हैं।

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अंतिम दौर में गरमाया घुसपैठियों व सीएए-एनआरसी का मुद्दा

विधानसभा चुनाव के अंतिम दौर में घुसपैठियों (Infiltrators) व सीएए-एनआरसी (CAA-NRC) का मुद्दा गर्म हो गया है। खास बात यह है कि इस मामले में राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल भारतीय जनता पार्टी (BJP) व जनता दल यूनाइटेड (JDU) के सुर एक नहीं दिखे हैं। बुधवार को कटिहार में एनडीए की रैली को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि एनडीए की सरकार बनने पर घुसपैठियों को देश के निकाला जाएगा। उधर, उसी दौरान किशनगंज के कोचाधामन में रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि देश के अंदर रहने वाले सब अपने हैं। उन्‍हें देश के बाहर निकालने का दम किसी में नहीं है। इस मुद्दे पर राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने बुधवार काे किशनगंज के ठाकुरगंज में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि नीतीश कुमार बीजेपी और आरएसएस की गोद में बैठे हैं, उन्‍होंने राज्यसभा और लोकसभा में क्या किया और आरजेडी ने क्‍या किया, यह सब जानते हैं। विदित हो कि जेडीसयू ने संसद में सीएए का समर्थन किया था। तबकि, इस मुद्दे पर आरजेडी ने बिहार बंद किया था।

बिहार चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के ठीक पहले सीएए-एनआरसी का मुद्दा गरमाने के पीछे सीमांचल की मुस्लिम बहुल आबादी है। इस पृष्‍ठभूमि में अपने-अपने वोट बैंक साधने की कोशिश में चुनाव के अंतिम दौर में यह नया मुद्दा राजनीतिक दलों ने उछाला।

मुंबई हमले से लेकर पुलवामा व सर्जिकल स्‍ट्राइक तक की चर्चा

विकास बनाम जगल राज से वाया रोजगार होते हुए चुनाव में राष्ट्रवाद (Nationalism) की भी एंट्री हुई। खास कर बीजेपी के नेताओं ने मुंबई हमले (Mumbai Terror Attack) के दौरान कांग्रेस सरकार की चुप्‍पी और पुलवामा हमले (Pulwama Terror Attack) के बाद एनडीए सरकार द्वारा पाकिस्‍तान में सर्जिकल स्‍ट्राइक (Surgical Strike) कर आतंकियों के सफाया करने की याद दिलाई। यह बताने की कोशिश की गई कि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के हाथों में सुरक्षित है तथा वे बिहार में नीतीश कुमार के साथ हैं।

विकास बनाम जंगल राज के मुद्दे के साथ शुरू हुई चुनावी जंग

चुनाव के आरंभिक दौर से विकास (Development) बनाम जंगल राज (Jungle Raj) व रोजगार (Employment) बड़े मुद्दे बने हुए हैं। मुख्‍यमंत्री नीतीश कमार सहित एनडीए के तमाम नेता 15 साल के विकास बनाम उसके पहले के 15 साल के जंगलराज को मुद्दा बनाए रहे। देश के इतिहास में यह पहला चुनाव है, जो 30 सालों के कामकाज के मुद्दे पर लड़ा जा रहा है।

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार अपने 15 साल के काम को बता कर विकास के नाम पर वोट मांगते दिखे। उधर, विपक्ष ने विकास के नाम पर भ्रष्‍टाचार व घोटाले का आरोप लगाया। उसके पास गिनाने के लिए सृजन घोटाला (Srijan Scam) सहित कई उइाहरण भी थे। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ ताल ठोकते रहे लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) सुप्रीमो चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने तो उनके ड्रीम प्रोजेक्‍ट सात निश्‍चय (Saat Nischay) में घोटाले का आरोप लगाते हुए सरकार बनने पर इसकी जांच कराने की बात कही।

राजेगार बना बड़ा मुद्दा, नौकरियां देने के वादे की लगी होड़

इस मुद्दों के बीच तेजस्‍वी यादव ने रोजगार को बड़ा मुद्दा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्‍होंने महागठबंधन (Mahagathbandhan) की सरकार बनने पर कैबिनेट की पहली बैठक में ही 10 लाख रोजगार देने का वादा कर चुनावी वादों का रूख राजेगार की ओर माेड़ दिया। इसके बाद सभी दलों में रोजगार के वादे करने की होड़ लग गई। राजगार के फ्रंट पर तेजस्‍वी के वादे की हवा निकालने के लिए लालू राज (Lalu Raj) में पलायन व बेरोजगारी का मुद्दा भी उछला।

किसानों का फसल बेचने की आजादी व लॉकडाउन भी बने बड़े मुद्दे

विधानसभा चुनाव में एक और बड़ा मुद्दा किसानों का भी है। एनडीए के किसानों को फसल बेचने की आजादी देने के मुद्दे पर हमलावार कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कहते रहे कि क्‍या किसान अपनी फसल हवाई जहाज से ले जाएंगे? सड़के कहां हैं? कोरोना काल (CoronaVirus Era) में हो रहे चुनाव में लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान प्रवासी मजदूरों की परेशानियों का मुद्दा भी अहम रहा हे। एनडीए जहां उनके लिए चलाए गए कार्यक्रमों व उन्‍हें बिहार लाने के लिए उठाए गए कदमों को गिनाता रहा, नहीं विपक्ष बिहार आने के दौरान उनकी मुसीबतों की याद दिलाता दिखा।


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