अब डिग्री में नहीं कर पाएंगे फर्जीवाड़ा, बिहार में शुरू होने जा रही नई व्यवस्था; यहां पढ़ें डिटेल
Bihar Education News Hindi बिहार के विश्वविद्यालयों में शिक्षा में क्रांति लाने वाला कदम उठाया गया है। अब मार्कशीट और डिग्रियों में आधार कार्ड का क्यूआर कोड और यूनिक नंबर होगा। इससे फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी। सभी विश्वविद्यालयों को एक पोर्टल से जोड़ा जाएगा जिससे छात्रों को नामांकन परीक्षा परिणाम अंक पत्र और डिग्री जैसी सुविधाएं एक ही जगह मिलेंगी।
दीनानाथ साहनी, पटना। राज्य के विश्वविद्यालयों के डिग्री में फर्जीवाड़ा करना आसान नहीं रहेगा। उच्च शिक्षण संस्थानों में अंक पत्रों और डिग्रियों में फर्जीवाड़े पर रोक लगाने की दिशा में राजभवन ने महत्वपूर्ण पहल की है।
राज्य के सभी 15 विश्वविद्यालयों और 268 अंगीभूत महाविद्यालयों तथा 479 संबद्ध महाविद्यालयों को एक पोर्टल से जोड़ने, प्रत्येक विद्यार्थी को यूनिक नंबर और उनके मार्कशीट तथा डिग्री में आधार कार्ड का क्यूआर कोड नंबर प्रिंट करने संबंधी प्रस्ताव को राजभवन से सहमति दे दी है।
राजभवन सचिवालय के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि राज्य के विश्वविद्यालयों में सिंगल पोर्टल सिस्टम (समर्थ पोर्टल) को इसी साल से प्रभावी बनाया जा रहा है।
नई व्यवस्था से विद्यार्थियों कई महत्वपूर्ण लाभ व सुविधाएं मिलेंगी। शिक्षकों और कर्मचारियों को भी वेतन और पेंशन भुगतान की प्रक्रिया सरल होगी।
राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों और उससे संबंधित महाविद्यालयों में प्रशासनिक एवं वित्तीय प्रबंधन को भी सिंगल पोर्टल सिस्टम का हिस्सा बनाया जाएगा। इससे सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में हर स्तर पर पारदर्शी व्यवस्था को कायम करने में मदद मिलेगी।
एक ही पोर्टल पर विद्यार्थियों को मिलेगी सारी सुविधा
एक ही पोर्टल पर विद्यार्थियों के नामांकन संबंधी आवेदन, पंजीकरण, परीक्षाफल, अंक पत्र, डिग्री समेत अन्य सुविधाएं मिलेंगी। नामांकन के समय ही प्रत्येक विद्यार्थी को यूनिक नंबर मिल जाएगा, जो स्नातकोत्तर तक मान्य रहेगा। उसे आधार से भी लिंक किया जाएगा।
डिग्री से अंक पत्र तक में आधार कार्ड का क्यूआर कोड अंकित रहेगा। अंक पत्र में विश्वविद्यालय अपना होलोग्राम प्रिंट करेगा। यदि कोई विद्यार्थी नौकरी में नियुक्त होता है और संबंधित संस्थान उसकी डिग्री को प्रमाणित करने का आवेदन करता है, तो उसे ऑनलाइन सत्यापन में समय की बचत होगी।
इतना ही नहीं, साधारण मार्कशीट व डिग्री की अपेक्षा बदली हुई व्यवस्था में मार्कशीट की कापी करना मुश्किल होगा। आधार कार्ड में आवेदक के फोटो, फिंगर प्रिंट और आई प्रिंट भी होता है। जिसे इंफ्रा रेड लाइट में पढ़कर सत्यापन करना आसान होगा।
दरअसल पिछले सप्ताह राज्यपाल एवं कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कुलपतियों की बैठक में सभी विश्वविद्यालयों को एक पोर्टल से जोड़ने का आदेश दिया गया था।
इस आदेश से आलोक में राजभवन द्वारा सभी कुलपतियों को तेजी से कार्य करने का आदेश दिया गया है। सभी संस्थानों को सिंगल सिस्टम पोर्टल से जोड़ने का काम इसी वर्ष पूरा होगा।
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