चार दिनों का प्यार हो रब्बा बड़ी लंबी जुदाई......
पटना । बिछड़े अभी तो हम बस कल परसो जिऊंगी मैं कैसे इस हाल में बरसो मौत न आई तेरी लंबी जुदाई।
पटना : बिछड़े अभी तो हम बस कल परसो, जिऊंगी मैं कैसे, इस हाल में बरसो मौत न आई, तेरी याद क्यों आई लंबी जुदाई। चार दिनों का प्यार हो रब्बा बड़ी लंबी जुदाई। माही वे मोहब्बतां सचियां ने मंगदा नसीबां कुछ होर ऐ हो माही वे आदि एक से बढ़कर एक फिल्मी गीतों की प्रस्तुति से पूरा परिसर गीत के रंगों में रंगा नजर आ रहा था। भारतीय संगीत की पार्श्व व सूफी गायिका ऋचा शर्मा ने अपनी मखमली आवाज में एक से बढ़कर एक फिल्मी तराने पेश कर दर्शकों को देर तक झूमने पर विवश कर दिया। कुछ ऐसा ही नजारा शुक्रवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में देखने को मिला। मौका था बिहार दिवस के उद्घाटन का। बिहार दिवस को यादगार बनाने में जहां बिहार के कलाकारों ने बिहार संगीत नाटक अकादमी के बैनर तले 'बिहार गौरव गान' के जरिए बिहार की लोक संस्कृति को नृत्य और संगीत के माध्यम से पेश कर दर्शकों का दिल जीता। वही समारोह को यादगार बनाने में बॉलीवुड गायिका ऋचा शर्मा ने एक से बढ़कर एक उम्दा गीतों को पेश कर दिवस को यादगार बना दिया। तीन दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार सरकार के मुख्य सचिव दीपक कुमार, पटना जिलाधिकारी, पटना प्रमंडल आयुक्त, शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने किया। मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बिहार दिवस की शुभकामना देते हुए बिहार के लोगों से कहा कि ऐसे आयोजन होने से न केवल बिहार का मान बढ़ता है बल्कि दूसरे राज्यों से आए कलाकार भी बिहार के लोक संस्कृति से रूबरू होते हैं। दीपक ने कहा कि हमारा बिहार काफी समृद्ध है। यहां पर कई ऐसी पौराणिक स्थल है जिसे एक दिन में घूमना संभव नहीं है। बिहार की महत्ता को प्रसारित करने की जरूरत है। वरिष्ठ आइएएस अधिकारी आरके महाजन ने कहा कि बिहार दिवस कार्यक्रम कराने का मुख्य उद्देश्य बिहार के गौरव-गाथा को लोगों से रूबरू करना है। तीन दिनों तक चलने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में एक से बढ़कर एक प्रस्तुति कलाकारों द्वारा होगी।
बिहार गौरव गान में दिखा बिहार का इतिहास -
बिहार दिवस के पहले दिन बिहार संगीत नाटक अकादमी के सौजन्य से बिहार के कलाकारों के साथ रेनबो होम के बच्चों ने वरिष्ठ लेखिका डॉ. शांति जैन द्वारा रचित 'बिहार गौरवगान' के बोल 'दिशा-दिशा लोक रंग का तार-तार है, महका-महका सोंधी माटी का बिहार है' कही गूंजते आल्हा ऊदल के अफसाने कजरी, झूमर औ फगुआ के मस्त तराने चौपालों से चैता घाटो की बहार है सोंधी माटी का बिहार है' पर बिहार के संतरंगी छटा को पेश कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह के दौरान कलाकारों की प्रस्तुति देखते बन रही थी। जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे की ओर बढ़ता जा रहा था मंच पर एक से बढ़कर एक प्रस्तुति कलाकार पेश कर बिहार दिवस को यादगार बनाने में लगे थे।
फिल्मी गीतों पर लोगों ने उठाया दिवस का आनंद -
जैसे-जैसे शाम ढलते जा रही थी परिसर में बैठे दर्शक गायिका ऋचा शर्मा को दीदार करने के लिए नजरें गड़ाए बैठे थे। मंच पर कार्यक्रम की रूप रेखा दे रही सोमा चक्रवर्ती व सोनी ने दर्शकों को बताया कि कुछ देर में ऋचा आपके बीच होंगी। दर्शक उनके आना का इंतजार कर रही थी। मंच पर आते ही ऋचा ने सोनिया रे गीत के बोल पेश कर पटनावासियों का अभिनंदन किया। श्रोताओं में जोश भरने के लिए गायिका भी उनके साथ मंच पर नृत्य करती नजर आई। ऋचा ने सदाबहार फिल्मी गीतों के साथ पंजाबी गीतों की प्रस्तुति की। माही रे, लंबी जुदाई, जग सुना-सुना लागे, जोर का झटका आदि गीतों पर लोगों को खूब नचाया। समारोह के दौरान मुंबई से आए युवा गायक यमन और पारस ने भी 'मैं मंदिर क्यों जावा मेरा यार खुदा है' व दर्शकों की फरमाइश पर जिला टॉप लागेलू' गीत को पेश कर तालियां खूब बटोरीं।
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श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आज की प्रस्तुति -
सुबह - 11.00 बजे बिहार के कलाकारों की प्रस्तुति
शाम - 5.30 बजे बिहार गौरव गान
शाम - 6.00 बजे पद्मभूषण शारदा सिन्हा, रंजना झा एवं चंदन तिवारी द्वारा सुगम संगीत एवं भोजपुरी गीत की प्रस्तुति