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सुशील मोदी का दावा-प्रशांत किशोर लालू-नीतीश की दोबारा करवाने चाहते थे दोस्ती, चूक गए

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दावा किया है कि प्रशांत किशोर दोबारा से लालू यादव और नीतीश कुमार की दोस्ती कराने की कोशिश में लगे थे लेकिन वो चूक गए।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 11:30 AM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 11:03 PM (IST)
सुशील मोदी का दावा-प्रशांत किशोर लालू-नीतीश की दोबारा करवाने चाहते थे दोस्ती, चूक गए
सुशील मोदी का दावा-प्रशांत किशोर लालू-नीतीश की दोबारा करवाने चाहते थे दोस्ती, चूक गए

पटना, जेएनएन। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लेकर बड़ा दावा किया है और कहा है कि प्रशांत किशोर को नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी पसंद नहीं आई थी, इसीलिए वो दोबारा से लालू यादव और नीतीश कुमार की दोस्ती कराने की कोशिश में लगे थे, लेकिन कामयाब नहीं हो सके। फिर इसके बाद वो नागरिकता कानून का बहाना बनाकर नीतीश कुमार को निशाना बनाने लगे।

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बता दें कि जदयू से निकाले जाने के बाद प्रशांत किशोर पहली बार पटना पहुंचे और प्रेस कांफ्रेंस कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास के दावों पर निशाना साधा और कई सवाल पूछे। उन्होंने साथ ही नीतीश कुमार को पिता तुल्य भी बताया और उनपर जमकर कटाक्ष भी किया। 

प्रशांत किशोर के नीतीश कुमार पर कटाक्ष किए जाने के बाद अब सुशील मोदी ने उन्हें जवाब दिया है और कहा कि जब नीतीश कुमार की वासपी एनडीए में हुई तो यह बात प्रशांत किशोर को पसंद नहीं आई थी। 

सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा, ''बिहार में एनडीए सरकार की वापसी प्रशांत किशोर को फूटी आंखों भी नहीं सुहायी, इसलिए वे लालू प्रसाद से नीतीश कुमार की फिर दोस्ती कराने में लगे रहे। जब उनकी दाल नहीं गली, तो नागरिकता कानून को बहाना बना कर नीतीश कुमार को निशाना बनाने लगे।

वे लालटेन पार्टी के लिए काम करने लगे हैं इसलिए उन्हें न राजद राज के भ्रष्टाचार दिखते हैं न सरकार में हर गांव घर तक पहुंची बिजली दिखाई पड़ती है 2005 से बिजली की खपत में पांच गुना वृद्धि हुई लेकिन पीके बिहार को लालटेन युग में लौटने की मुहिम चलाने का ठेका ले चुके हैं।''

बता दें कि प्रशांत किशोर ने जदयू में रहते हुए नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर को लेकर अपना विरोध जताया था और इसके साथ ही दिल्ली चुनाव के दौरान भाजपा नेता सह देश के गृहमंत्री अमित शाह को लेकर भी कड़ा बयान दिया था, जिसके बाद जदयू ने उन्हें पार्टी लाइन से बाहर जाकर बयानबाजी करने के आरोप में पार्टी से निकाल दिया था। 


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