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Bihar CoronaVirus: कोरोना वायरस के नए वैरिएंट से अब तक बचा बिहार, लेकिन यूपी ने बढ़ा दी है चिंता

Bihar CoronaVirus Delta Plus Variant बिहार में अब तक नहीं मिला डेल्टा प्लस का एक भी केस इसके बावजूद चिंता बढ़ी भुवनेश्वर-दिल्ली भेजे गए सैंपल की प्राप्त हुई रिपोर्ट अब यूपी-बिहार की सीमा से और ज्यादा सैंपल लेकर होगी जांच

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sat, 10 Jul 2021 07:03 AM (IST)Updated: Sat, 10 Jul 2021 07:03 AM (IST)
Bihar CoronaVirus: कोरोना वायरस के नए वैरिएंट से अब तक बचा बिहार, लेकिन यूपी ने बढ़ा दी है चिंता
बिहार में अब तक नहीं सामने आया डेल्‍टा प्‍लस का कोई मामला। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। गोरखपुर और देवरिया में कोरोना का डेल्टा प्लस केस मिलने के बीच बिहार के लिए सुखद खबर है कि सूबे में अब तक डेल्टा प्लस को एक भी केस नहीं है। बीते दिनों अलग-अलग जिलों से सैंपल लेकर डेल्टा प्लस की पुष्टि के लिए स्वास्थ्य विभाग ने इन्हें भुवनेश्वर और दिल्ली जांच के लिए भेजा था। भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट सरकार को प्राप्त हो गई है। अब तक भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने शुक्रवार को दी।

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अपर मुख्य सचिव ने जागरण स कहा कि देवरिया और गोरखपुर में यदि डेल्टा प्लस के दो मामले मिले हैं तो इससे किसी को भी परेशान नहीं होना चाहिए। अब तक तो बिहार में डेल्टा प्लस का एक भी केस नहीं है। यदि भविष्य में कोई केस आया तो संबंधित इलाके में गतिविधियों को सीमित किया जाएगा। वैसे भी स्वास्थ्य विभाग कोरोना को लेकर पूरी सतर्कता बरत रहा है।

उन्होंने कहा कि एक ओर जहां नियमित अंतराल पर सैंपल लेकर भुवनेश्वर और दिल्ली भेजे जा रहे हैं वहीं पाजिटिव केस कम होने के बाद भी प्रतिदिन सवा लाख से अधिक टेस्ट कराए जा रहे हैं। प्रतिदिन लाखों लोगों का टीकाकरण कराया जा रहा है। जल्द ही इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में जीनोम सिक्वेंसिंग लैब शुरू हो जाएगा तो सैंपल की जांच बिहार में ही संभव हो जाएगी।

आशा को निर्देश भीड़ वाले इलाके में स्क्रीनिंग करें, आक्सीजन लेवल जांचें

स्वास्थ्य विभाग को देवरिया और गोरखपुर में डेल्टा प्लस के एक-एक केस मिलने के बाद उत्तर प्रदेश लगती नेपाल सीमा पर विशेष सतर्कता रख रहा है। विभाग ने आशा कार्यकर्ताओं इंफ्रारेड थर्मामीटर और पल्स आक्सीमीटर की मदद से भीड़ वाले क्षेत्र जैसे सब्जी मंडी, हाट-बाजार, बस अड्डे पर रैंडम स्क्रीनिंग और लोगों का आक्सीजन लेवल चेक करने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों ने बताया कि विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि आशा कार्यकर्ता यह कार्य नियमित रूप से करें और इसकी जानकारी सिविल सर्जन के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को भी मुहैया कराएं।


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