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Bihar CoronaVirus Vaccination: ज्‍योतिष की दृष्टि से शुभ रहा टीकाकरण के आरंभ का दिन, जानिए

Bihar CoronaVirus Vaccine Update पटना के आइजीआइएमएस में शनिवार को मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान आरंभ किया। यह दिन ज्‍याेतिष शास्‍त्र के हिसाब से भी शुभ संयोग वाला रहा। आइए डालते हैं नजर।

By Amit AlokEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 06:37 AM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 05:48 AM (IST)
Bihar CoronaVirus Vaccination: ज्‍योतिष की दृष्टि से शुभ रहा टीकाकरण के आरंभ का दिन, जानिए
ज्‍योतिष की दृष्टि से शुभ है टीकाकरण के आरंभ का दिन। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

पटना, बिहार ऑनलाइन डेस्‍क। Bihar CoronaVirus Vaccination Update बिहार में कोरोना संक्रमण (CoronaVirus Infection) से जंग में शनिवार का दिन ज्‍याेतिष शास्‍त्र (Astrology) के हिसाब से भी बेहद अहम रहा। इस दिन शनि, शुक्र और बुध का खास संयोग शुभ संकेत दे रहा था। शनिवार को रवि योग के साथ विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) भी थी। शनिवार का दिन ही भगवान गणेश (Lord Ganesha) का था, जो किसी शुभ काम को आरंभ करने के लिए श्रेष्‍ठ था। इसी शुभ संयोग में मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पटना के  इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्‍थान (IGIMS) में कोरोनावायरस के टीकारण के पहले चरण की शुरुआत की।

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शुभ संकेत दे रहा ग्रहों का खास संयोग

शनिवार को सूर्योदय के समय सूर्य मकर राशि में, चंद्रमा कन्या राशि में, मंगल वृश्चिक राशि में और बुध मकर राशि में थे। शनि और केतु धनु राशि में, शुक्र कुंभ राशि में और राहु मिथुन राशि में रहे। गुरु का भी अपनी ही राशि धनु में होना सुख फलदायक रहा। ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार ऐसे अच्‍छे संयोग के कारण शनिवार का दिन शुभ था।

कोरोना का नाश करेगा शनि का योग

पटना के ज्योतिष शास्त्री आचार्य रंजन के अनुसार शनिवार को बुध, शुक्र और शनि का मित्रवत पराक्रम योग रहा। इस कारण इस दिन किए गए कार्य के परिणाम अच्‍छे होंगे। शनि का योग कोरोना ही नहीं, अन्य समस्याओं का भी नाश करेगा। शुक्र का योग सुख प्रदान करने वाला है। बुध का योग सुख-शांति देगा।

शनिवार को विनायक चतुर्थी भी

शनिवार को विघ्‍नहर्ता व मंगलकर्ता भगवान गणेश का दिन विनायक चतुर्थी भी था। इससे इस दिन किया गया कार्य शुभ परिणाम देगा।

खरमास बाद शुरू किए जाते मंगल कार्य

इसके पहले मकर संक्रांति के साथ भगवान भास्‍कर उत्तरायण हो चुके हैं। इसके साथ खरमास खत्‍म हो चुका है। खरमास के बाद मंगल कार्य आरंभ करने की परंपरा रही है।


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