Bihar Coronavirus Update: पीएमसीएच का कारनामा, चार दिन बाद मिली कोरोना जांच रिपोर्ट देख दंग हैं स्वजन
Bihar Coronavirus Update News पीएमसीएच ने नमूना लेने के चार दिन बाद जारी की ऐसी रिपोर्ट जिसे देख कर दंग हैं लोग। नौ साल की बच्ची की रिपोर्ट में कोई रिजल्ट ही नहीं बताया गया है। इसमें यह जिक्र ही नहीं है कि बच्ची पॉजिटिव है या निगेटिव
पटना, जागरण संवाददाता। Bihar Coronavirus Update News: बिहार में कोरोना जांच रिपोर्ट में अव्यवस्था खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। यह मामला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक पहुंच चुका है और उन्होंने भी इसे ठीक करने का आश्वासन दिया था। बावजूद इसके बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) का कारनामा हर किसी को दंग कर रहा है। यहां एक बच्ची की जांच करने के चार दिन बाद रिपोर्ट मिली, जिसे देखकर स्वजन दंग रह गए। दरअसल इस रिपोर्ट में मरीज के पॉजिटिव या निगेटिव होने को लेकर कोई जानकारी ही नहीं दी गई है।
16 अप्रैल को लिया गया था बच्ची का नमूना
16 अप्रैल को नौ साल की एक बच्ची की कोरोना जांच के लिए नमूने लिए गए। उसका पंजीयन नंबर 15572 है। वहीं, लैब पंजीयन नम्बर 3344 है। मरीज ने कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच कराई थी। अब रिपोर्ट आने के बाद मरीज और उनके स्वजन संशय में हैं। होना भी स्वाभाविक है, रिपोर्ट पर न निगेटिव लिखा था न ही पॉजिटिव।
इस संबंध में पीएमसीएच के माइक्रो बायोलॉजी विभाग के हेड सत्येंद्र नारायण सिंह से बात की गई तो उन्होंने गलती स्वीकार करते हुए कहा कि भूल हो गई है। सुधार कर दिया जाएगा। उन्होंने काम के दबाव में इस तरह की चुक होने की बात कही।
पीएमसीएच में पसरा सन्नाटा, ओपीडी में आए मात्र 337 मरीज
कोरोना संक्रमण के भय के कारण पीएमसीएच ओपीडी में मरीजों की संख्या कम हो गई हे। मंगलवार को ओपीडी में मात्र 337 मरीज आए। सामान्यत: पीएमसीएच के ओपीडी में प्रतिदिन 3 हजार से अधिक मरीज आते हैं। वहीं, इमरजेंसी में 294 मरीजों को भर्ती किया गया।
कोरोना के डर से अस्पताल जाने से बच रहे मरीज
लंबे समय के बाद पीएमसीएच में इतने कम मरीज आए। प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के मद्देनजर फिलहाल मरीज कम आ रहे हैं। स्थिति में सुधार होने के बाद मरीजों की संख्या में वृद्धि हो जाएगी। इमरजेंसी प्रभारी डॉ.अभिजीत सिंह ने कहा कि मंगलवार को इमरजेंसी में 294 मरीजों का इलाज किया गया। इनमें से अधिकांश मरीज राज्य के ग्रामीण इलाके से पीएमसीएच आए थे।