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Bihar CoronaVirus: कोरोना की तीसरी लहर में चिंता की सबब बनीं शादियां, सर्वे में आई ये रिपोर्ट

Bihar CoronaVirus News सर्वे की शुरुआत पिछले साल मई में हुई थी। इस साल जून में यह पूरा हुआ। 23 हजार तीन सौ 44 कोरोना संक्रमित मरीजों के आंकड़े का विश्लेषण कर नतीजा निकाला गया है। सभी मरीज पटना जिले के थे।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sat, 03 Jul 2021 10:58 AM (IST)Updated: Sat, 03 Jul 2021 10:58 AM (IST)
Bihar CoronaVirus: कोरोना की तीसरी लहर में चिंता की सबब बनीं शादियां, सर्वे में आई ये रिपोर्ट
बिहार में शादियों में होने वाले सांस्‍कृतिक आयोजनों से बढ़ी चिंता। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar CoronaVirus Update: कोरोना की दो लहर के अनुभव के आधार पर तीसरी लहर की तैयारी के सिलसिले में होम आइसोलेशन को अधिक सुसंगत और सुविधायुक्त बनाने की सलाह दी गई है। सेंटर फार हेल्थ पालिसी के सर्वे में कहा गया है कि इस महामारी के इलाज में सबसे बड़ी भूमिका होम आइसोलेशन की रही है। 90 फीसद मरीज घर में रह कर ही ठीक हुए हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के पूर्व अधिकारी केसी साहा इस सर्वेक्षण का नेतृत्व कर रहे थे। आद्री ने इसे प्रकाशित किया है।

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पिछले साल मई में हुई थी सर्वे की शुरुआत

सर्वे की शुरुआत पिछले साल मई में हुई थी। इस साल जून में यह पूरा हुआ। 23 हजार तीन सौ 44 कोरोना संक्रमित मरीजों के आंकड़े का विश्लेषण कर नतीजा निकाला गया है। सभी मरीज पटना जिले के थे। आकलन है कि विशेष सावधानी के जरिए महामारी के अगले दौर के खतरे को कम किया जा सकता है।

होम आइसोलेशन वाले मरीजों की निरंतर निगरानी की जरूरत

सर्वे के नतीजे में कोरोना से बचाव और इलाज के लिए किए गए सरकारी उपायों की तारीफ की गई है। होम आइसोलेशन को सबसे अधिक कारगर माना गया। इसलिए सलाह दी गई है कि राज्य सरकार भविष्य में होम आइसोलेशन की व्यवस्था को और मजबूत करे। पहले और दूसरे लहर की तुलना में आने वाले दिनों में डाक्टरों की ऐसी समर्पित टीम तैयार करे, जो होम आइसोलेशन के मरीजों को चौबीसों घंटे सलाह दे। ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कुछ डाक्टरों को सिर्फ इसी काम के लिए तैनात किया जाए। सरकार होम आइसोलेशन के मरीजों के लिए अलग से प्रोटोकाल निर्धारित करे।

पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका बढ़े

अध्ययन की सलाह है कि पंचायती राज संस्थाओं को भी ग्रामीण स्वास्थ्य संरचना के निर्माण एवं संचालन में भागीदार बनाया जाए। इसके लिए पंचायत स्तर पर क्वारंटाइन और आइसोलेशन सेंटर बनाए जाएं। टीकाकरण, जांच और दवा की व्यवस्था हो। इसमें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर पंचायतों को मिलने वाली वित्तीय सहायता राशि का उपयोग किया जाए। गांवों में काम करने वाले हेल्थ प्रैक्टिशनर की सेवा लेने की सलाह इस तर्क के साथ दी गई है कि गांव के लोग उन पर भरोसा करते हैं। उन्होंने कोरोना के इलाज में अच्छा काम भी किया है। पंचायतों में हेल्थ मैप बनाने की भी सलाह दी गई है। उस पर स्वास्थ्य की आधारभूत संरचना साथ डाक्टर, जन-प्रतिनिधियों के मोबाइल नंबर भी दर्ज किए जाएं।

लाकडाउन रहा असरदार

सर्वेक्षण में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लाकडाउन को बेहद असरदार बताया गया है। इसके मुताबिक, पांच मई से जारी लाकडाउन के चलते लोगों की आवाजाही कम हुई। संक्रमण का फैलाव रुका। हालांकि, यह स्थिति चिंताजनक है कि कोरोना प्रोटाकाल के पालन में ग्रामीण आबादी की दिलचस्पी आज भी कम है। भीड़भाड़ से बचने और मास्क लगाने की हिदायतों पर लोग बहुत अधिक ध्यान नहीं देते हैं। शादी-ब्याह के दिनों में सामूहिक गीत गायन की परंपरा को भी संक्रमण के प्रसार का प्रमुख कारण बताया गया है।


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