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बिहार में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े, कोरोना संक्रमितों में हर सातवां 15 वर्ष से कम उम्र का

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार संक्रमितों में हर सातवां 15 साल से कम उम्र का है। कोरोना पॉजिटिव बच्चों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पटना एम्स ने बच्चों के लिए हेल्पलाइन की सुविधा दी है। चार दिनों में 100 से अधिक बच्चे अपने अनुभव दर्ज करा चुके हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 10:16 PM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 10:16 PM (IST)
बिहार में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े, कोरोना संक्रमितों में हर सातवां 15 वर्ष से कम उम्र का
पटना के न्यू गार्डिनर अस्पताल में कोरोना जांच करती चिकित्सक। जागरण आर्काइव।

नलिनी रंजन, पटना: कोरोना संक्रमण की पहली लहर की तुलना में इस बार बच्चे संक्रमण की चपेट में ज्यादा आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार संक्रमितों में हर सातवां 15 साल से कम उम्र का है। कोरोना पॉजिटिव बच्चों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पटना एम्स ने बच्चों के लिए हेल्पलाइन की सुविधा दी है। चार दिनों में 100 से अधिक बच्चे अपने अनुभव दर्ज करा चुके हैं। शिशु मेडिसीन विभाग के अध्यक्ष डॉ. लोकेश तिवारी ने बताया कि बच्चों में संक्रमण के स्तर के आधार पर उनके लिए अलग से एसओपी जारी किया गया है। जिन बच्चों के अभिभावकों ने संजीदगी से देखभाल की, वे जल्द ही स्वस्थ हो गए। ज्यादातर में सामान्य फ्लू के लक्षण ही सिर्फ दिखते हैं। 

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साबुन से हाथ धोकर ही लें गोद 


एसओपी के अनुसार दो वर्ष से अधिक उम्र के ब'चों को मास्क अनिवार्य रूप से पहनाना चाहिए। सामान्य स्थिति में ब'चों को बाहर नहीं निकलने दें। उन्हें गोद में लेने से पहले साबुन से हाथ धोएं। मां-पिता को किसी प्रकार के लक्षण होने पर यदि ब'चा छोटा हो तो मास्क का उपयोग करना चाहिए। बराबर मां हाथ धोते रहें। यदि घर का कोई सदस्य संक्रमित हैं तो तुरंत टेस्ट कराएं। 

वीडियो कॉल से नियमित संपर्क बनाए रखें

बच्चे यदि संक्रमित हो जाते हैं तो चिंता की बात नहीं है। इनके स्वस्थ्य होने की दर काफी बेहतर है। उनका तापमान नियमित तौर पर लें। ब'चा यदि समझदार है तो पूरी प्रक्रिया को वीडियो कॉल के माध्यम से समझा दें। ताजा भोजन दें। समय पर भोजन ले रहा या नहीं, इसकी मॉनीटरिंग भी वीडियो कॉल से कर सकते हैं। 100 डिग्री से ज्यादा बुखार होने पर पानी की पट्टी या पारासिटामॉल सिरप दें। डॉक्टर की सलाह के अनुसार विटामिन डी, मल्टी विटामिन, कैल्शियम आदि के सिरप दें। नियमित केयर पर बच्चे जल्द स्वस्थ्य हो जा रहे हैं।  

खेलकूद करने वाले बच्चों में संक्रमण कम 


डॉक्टरों ने बताया कि जो सामान्य दिनों में नियमित खेलकूद में शामिल होते हैं, उनमें संक्रमण की दर कम देखी जा रही है। यदि बच्चे पॉजिटिव हो जाते हैं तो उन्हें सक्रिय रखने की जरूरत है। फिलहाल संक्रमण की संभावना अधिक है। इसलिए बच्चे घर में ही रहकर सक्रिय रहें। 

एम्स पटना देगा आपके प्रश्नों का जवाब

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना गूगल फॉर्म के माध्यम से ब'चों और अभिभावकों के प्रश्नों का जवाब देता है। जरूरत होने पर डॉक्टर कॉल कर सलाह देते हैं। डॉ. लोकेश तिवारी ने बताया कि बताया कि बच्चों के लिए कोविड-19 हेल्पलाइन गूगल फॉर्म एम्स के अधिकारिक वेबसाइट www.https://www.aiimspatna.org/ पर उपलब्ध है। इस लिंक को ओपन कर मांगी जा रही पूरी जानकारी देनी होगी। इसके बाद एम्स के शिशु विभाग के डॉक्टर उनसे जल्द संपर्क करेंगे।


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