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पटना के स्‍कूलों में कोरोना ने अल्फाबेट के सुर बदले, प्रार्थना की जगह पढ़ाई जा रही कोविड गाइडलाइन

Bihar Education News कोरोना संक्रमण ने बच्‍चों को कक्षाओं से पहले ही दूर कर रखा है। ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं और उन्हें संक्रमण से बचाने के लिए स्कूल प्रबंधन अब कोरोना गाइडलाइन का पाठ पढ़ा रहा है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 10:20 AM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 10:20 AM (IST)
पटना के स्‍कूलों में कोरोना ने अल्फाबेट के सुर बदले, प्रार्थना की जगह पढ़ाई जा रही कोविड गाइडलाइन
ऑनलाइन क्‍लास में कुछ इस तरह हो रही पढ़ाई। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जयशंकर बिहारी। कोरोना संक्रमण ने बच्‍चों को कक्षाओं से पहले ही दूर कर रखा है। ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं और उन्हें संक्रमण से बचाने के लिए स्कूल प्रबंधन कोरोना गाइडलाइन का पाठ पढ़ा रहा है। कक्षा शुरू होने से पहले बच्‍चे एक-दूसरों को कोरोना गाइडलाइन की याद दिलाते हैं। बाद में शिक्षक इसे दोहराते हैं। वहीं, नर्सरी के ब'चों को ए फॉर एपल की जगह एंबुलेंस व एंटीबॉडी, वी फॉर विटामिन, सी फॉर कोरोना, डी फॉर डॉक्टर, ई फॉर इम्युनिटी, एफ फॉर फीवर, पी फॉर पारासिटामोल, ओ फॉर ऑक्सीजन व ऑक्सीमीटर जैसे शब्द बताए जा रहे हैं।

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तीसरी लहर के प्रति चेतना

स्कूल प्रबंधन कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के अंदेशे को देखते हुए ऑनलाइन शिक्षा को ज्यादा जागरूक करने वाला बना रहा है। इसका लाभ बच्‍चों और स्कूल प्रबंधन दोनों को मिल रहा है। शिक्षकों का कहना है कि हम सभी का जीवन कोरोना से प्रभावित है। इससे जुड़े शब्द जेहन में जल्द आते हैं। निजी स्कूल की प्राचार्या ट्रेसा डेविड का कहना है कि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ही है समस्या का समाधान खोजना है। वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या कोरोना संक्रमण है। इस कारण बच्‍चों को कोरोना संक्रमण से जुड़े शब्द व गाइडलाइन का स्मरण कराया जाता है। इससे बच्‍चे खुद के साथ-साथ परिवार के अन्य सदस्यों को भी बचाव के लिए प्रेरित करते हैं।

  • तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए स्कूल प्रबंधन कर रहे विशेष तैयारी
  • कोरोना संक्रमण से बचाव के शब्द व अर्थ बच्‍चों को कराए जा रहे याद
  • लॉकडाउन में ऑनलाइन कक्षा के स्वरूप को निखारने में लगे शिक्षक

ऑनलाइन पढ़ाई को रुचिकर बनाने की कोशिश

निजी स्कूल संचालक डॉ. एसके सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण एक साल से स्कूल बंद चल रहे हैं। कुछ प्रतिष्ठित स्कूलों को छोड़ दें तो अधिसंख्य अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। ब'चों को स्कूल से जोड़े रखने के लिए ऑनलाइन पढ़ाई को रुचिकर बनाना समय की मांग है। इसमें कई स्कूल विशेषज्ञ की सहायता भी ले रहे हैं। बिहार स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. डीके सिंह का कहना है कि पिछली बार की तुलना में इस बार अभिभावक ऑनलाइन शिक्षा को लेकर ज्यादा सजग हैं। स्कूल को फीडबैक दे रहे हैं।

अल्फाबेट से बने कोरोना आधारित शब्द

ए फॉर एंबुलेंस व एंटीबॉडी

बी फॉर बेटाडिन

सी फॉर कोरोना

डी फॉर डॉक्टर

ई फॉर इम्युनिटी

एफ फॉर फीवर

जी फॉर ग्लव्स

एच फॉर होम

आइ फॉर आइसोलेशन 

जे फॉर जूस

के फॉर केयर

एल फॉर लॉकडाउन

एम फॉर मास्क

एन फॉर निगेटिव

ओ फॉर ऑक्सीजन व ऑक्सीमीटर

पी फॉर पारासिटामोल व पॉजिटिव

क्यू फॉर क्वारंटाइन

आर फॉर रिलेशन

एस फॉर सैंपल

टी फॉर थर्मामीटर

यू फॉर अप

वी फॉर विक्ट्री, वेंटिलेटर, वायरस

डब्ल्यू फॉर वंडरफुल

एक्स फॉर एक्स-रे

वाई फॉर योग

जेड फॉर जीरो


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