Bihar CoronaVirus: बिहार में चुनावी गहमागहमी के बीच कोरोना ने बढ़ाई चिंता, अब तक नौ नेताओं की मौत
बिहार में चुनावी के मौसम के साथ ही कोरोना वायरस ने चिंता बढ़ा दी है। प्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमण से नौ राजनेताओं की मौत हो चुकी है। इसमें पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत और भाजपा नेता पिछड़ा व अति पिछड़ा कल्याण मंत्री विनोद कुमार सिंह भी शामिल हैं।
पटना, जेएनएन। प्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमण से नौ राजनेताओं की मौत हो चुकी है। इसमें जदयू के वरिष्ठ नेता पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत और भाजपा नेता पिछड़ा व अति पिछड़ा कल्याण मंत्री विनोद कुमार सिंह भी शामिल हैं। दोनों नीतीश मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री थे। पहली मौत भाजपा एमएलसी सुनील कुमार सिंह की 21 जुलाई को हुई थी।
रघुवंश प्रसाद व विनोद सिंह की पोस्ट कोविड दुष्प्रभाव से मौत
13 सितंबर को राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह को पहले कोरोना संक्रमित हुए और ठीक होने के बाद निमोनिया की शिकायत होने पर एम्स दिल्ली में भर्ती हुए थे। जहां उनकी उनकी मौत हो गई। मंत्री विनोद कुमार सिंह को दो बार कोरोना हुआ और वे ठीक भी हो गए। हालांकि, बाद में पोस्ट कोविड के रूप में ब्रेन हैमरेज होने पर गुरुग्राम स्थित मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती हुए। जहां उनकी मौत हो गई।
सात नेताओं की कोरोना इलाज के दौरान हुई मौत
भाजपा के एमएलसी सुनील कुमार सिंह और जदयू एमएलसी मनोरमा देवी के पति और नेता बिंदेश्वरी यादव ने कोरोना संक्रमण के इलाज के दौरान ही दम तोड़ दिया। सीपीआइ के राज्य सचिव सह दो बार विधायक रहे सत्य नारायण सिंह और अररिया जिले के कांग्रेस उपाध्यक्ष व सिकटी विधान सभा से प्रत्याशी रहे विजय कुमार यादव की भी मौत कोरोना से हुई है। इसके अलावा पटना के दानापुर विधानसभा से पिछले चुनाव में प्रत्याशी रहे राजद नेता राजकिशोर यादव भी कोरोना से जंग हार चुके हैं। इसके अलावा नालंदा के सिलाव जिला परिषद के सदस्य कैप्टन सुनील कुमार और भाजपा के बेतिया महानगर अध्यक्ष कन्हैया गुप्ता की भी मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई थी।
चुनावी गहमागहमी से डॉक्टर भी हुए चिंतित
विधानसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए अब बड़े नेताओं की चुनावी रैली का दौर शुरू हो चुका है। चुनावी सरगर्मी बढऩे के साथ कोरोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है। नवंबर में संक्रमण के मामले बढऩे की विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी और प्रदेश में चुनावी गहमागहमी को लेकर स्वास्थ्य विभाग के साथ डॉक्टर चिंतित हैं।