Bihar Coronavirus News: एम्स,पटना के डॉक्टरों की सलाह, पांच से 15 मई तक हो पूर्ण लाॅकडाउन
डॉक्टरों ने बताया पांच से 15 मई तक कोविड पीक पर होगा। स्वास्थ्य व्यवस्था कमजोर है ऐसे में स्थिति संभालना बेहद मुश्किल होगा। दूसरी लहर के पीक को रोकने के लिए पूर्ण लॉकडाउन की जरूरत है। पूर्ण संभव नहीं तो इंग्लैंड मॉडल पर एरिया वाइज लॉकडाउन ही लगाएं ।
पटना, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। स्थिति यह कि राजधानी में हर दिन लगभग दो हजार से 29 सौ के बीच लोग संक्रमित हो रहे हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि अभी संक्रमण का पीक समय (peak of second wave of Covid-19) नहीं है। गणितीय आंकड़ों के अनुसार, देश में पांच से 15 मई के बीच कोरोना पीक पर होगा। इस समय हर दिन तीन लाख एक्टिव केस मिलने के अनुमान हैं।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना (All India Institute of Medical Sciences ) के डीन सह एनेस्थिसिया विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश भदानी बताते हैं कि स्थिति लगातार बिगड़ रही है, जबकि पीक नहीं है। पांच-15 मई के बीच पीक पर कोरोना को रोकने के लिए सरकार को अभी से कवायद करने की जरूरत है। यदि संभव हो तो पूर्णत: लॉकडाउन (complete lock down in Bihar ) लगाना चाहिए। यदि ऐसा संभव नहीं तो इंग्लैंड (United Kingdom) मॉडल पर एरिया वाइज पूर्णत: लॉकडाउन (area wise complete lock down) लगाएं। जिस एरिया को लॉकडाउन करना हो, उनमें एक सप्ताह पहले ही अल्टीमेटम दे दिया जाए। वहां मेडिकल शॉप को छोड़ कर सभी को पूर्णत: लॉक कर दिया जाना चाहिए।
तीन सप्ताह तक पूर्ण लॉकडाउन की जरूरत
एम्स मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. रवि कीर्ति ने बताया कि पीक बहुत खराब होने वाला है। स्वास्थ्य संसाधन मजबूत नहीं है। ऐसे में तीन सप्ताह तक पूर्ण लॉकडाउन की जरूरत है। तभी हम पांच से 15 तक के पीक को खत्म कर सकते हैं अभी लोग संक्रमित होने के बावजूद बगैर सिम्टम बेरोक-टोक आवागमन कर रहे हैं। ऐसे में स्प्रेड को पूरी तरह लॉक करने की जरूरत है।
जोरों पर है तैयारी, बढ़ाई जा रही सुविधा
सिविल सर्जन डॉ. विभा रानी सिंह का कहना है कि कोरोना संक्रमण के आगामी खतरों को देखते हुए आवश्यक तैयारी की जा रही है। तीन-चार जगहों पर नए आइसोलेशन सेंटर (Isolation center) बनाए जा रहे हैं। होटल पाटलिपुत्र अशोक के साथ-साथ पाटलिपुत्र स्पोट्रर्स स्टेडियम, राजेंद्र नगर आंख अस्पताल, ईएसआइसी बिहटा, जय प्रभा मेदांता अस्पताल में आइसोलेशन सेंटर बनाने की कवायद की जा रही है। इन सेंटरों के 10 दिनों में सुचारू होने की संभावना है। इन सभी सेंटर पर आवश्यक मात्रा में ऑक्सीजन बेड के साथ-साथ डॉक्टर व नर्सिंग कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी।