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बिहार में 301 केंद्रों पर 18 हजार ने लिया कोरोना का टीका, सेहत को लेकर नहीं मिली कोई शिकायत

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की मौजूदगी में बिहार की राजधानी पटना के अस्‍पताल इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्‍थान के कर्मचारी रामबाबू ने लिया वैक्सीन का पहला डोज पूरे बिहार में कहीं से नहीं है कोई नकारात्‍मक खबर

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 08:52 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 08:52 PM (IST)
बिहार में 301 केंद्रों पर 18 हजार ने लिया कोरोना का टीका, सेहत को लेकर नहीं मिली कोई शिकायत
बिहार में पहला टीका लगवाने वाले रामबाबू काे सम्‍मानित करते मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार। जागरण

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में शनिवार से शुभ मुहूर्त में टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो गई। पटना के आइजीआइएमएस में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की मौजूदगी में पहला टीका सफाई कर्मी रामबाबू ने लिया। टीका लेने वालों ने सहजता महसूस की।

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पहले दिन 301 केंद्रों पर 30 हजार लोगों को टीका लगाया जाना था, लेकिन किंतु लगा महज 18 हजार 122 लोगों को। इसकी वजह बताई गई कि 50 वर्ष से अधिक या विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त लोगों को टीका फिलहाल नहीं दिया गया। डायबिटीज एवं ब्लड प्रेशर के मरीजों को भी टीका नहीं लगाया गया। पहले दिन निबंधन के बावजूद करीब 12 हजार कम टीके लगाए गए।

पहला टीका लगवाने वाले को किया सम्‍मानित

मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने टीका लेने वाले रामबाबू को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। रामबाबू के बाद एंबुलेंस चालक अमित कुमार और लैब टेक्नीशियन सोनू पंडित को दिया गया। आइजीआइएमएस से नीतीश कुमार ने वेब कास्टिंग के माध्यम  से विभिन्न केंद्रों पर चलाए जा रहे टीककरण अभियान का जायजा लिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आइजीआइएमएस परिसर में पौधे भी लगाया।

पटना में पहले दिन आधे लोगों ने ही लगवाया टीका

पटना में पहले दिन के लिए 17 सौ लोग निबंधित थे, लेकिन लगाया गया सिर्फ 903 लोगों को ही। बिहार के सभी केंद्रों पर सबसे पहले सफाई कर्मियों को टीका लगाया गया। उसके बाद एंबुलेंस ड्राइवर, नर्स एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने टीका लिया। सबसे आखिर में डॉक्टरों को लगाया गया। सरकार ने समाज के आखिरी पायदान वाले कर्मियों तवज्जो देने का निर्णय किया था। इसी उद्देश्य के तहत सबसे पहले सफाई कर्मियों को टीका लगाया गया।

पटना के आइजीआइएमएस में 61वें नंबर पर डाक्टर की बारी आई। पूरे बिहार में 50 वर्ष से कम उम्र वाले स्वस्थ स्वास्थ्य कर्मियों टीका लगाया गया। अहम यह कि जिन्हें बुखार था उन्हें भी नहीं टीका नहीं लगाया गया।


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