बिहार में भटके कांग्रेसियों को रास्ते पर लाएंगे गोहिल, सहयोगी दलों की भी बढ़ा सकते मुश्किलें
बिहार कांग्रेस के नए प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल पुराने कांग्रेसियों की घर वापसी कराने की मुहिम पर हैं। इससे पार्टी के सहयोगी दलों को भी परेशानी हो सकती है। क्या है मामला, जानिए।
पटना [अरविंद शर्मा]। बिहार में कांग्रेस के नए प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने तेवर के साथ काम शुरू कर दिया है। प्रदेश की पहली यात्रा और धड़ाधड़ काम। अब चार दिन तक आराम नहीं। शिवहर से लेकर मुजफ्फरपुर तक यात्रा और पुराने कांग्रेसियों से घर लौटने की अपील। गोहिल की नजर पार्टी से भटके हुए नेताओं पर रहेगी, किंतु अरमान पुराने कैडरों एवं वोटरों को अपने साथ जोडऩे का रहेगा।
उनका ऐसा अभियान विपक्षी महागठबंधन में उनके सहयोगी दलों की भी मुश्किलें बढ़ा सकता है। सवाल उठना लाजिमी है कि अतीत में कांग्रेस के परंपरागत प्रशंसक-समर्थक और मतदाता कौन-सा वर्ग रहा है? गोहिल अगर उन्हें जोडऩे की कोशिश करेंगे तो निशाने पर कौन सा दल होगा? नुकसान किसे होगा?
बिहार के सियासी समीकरण पर गौर करें तो राजद और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा का जो अभी आधार वोट है, उस पर कभी कांग्रेस का अधिकार हुआ करता था। अल्पसंख्यक एवं दलित वोट बैंक पर आज बहुत हद तक राजद का कब्जा है। हम प्रमुख जीतन राम मांझी और महाचंद्र प्रसाद तो कभी खुद भी कांग्रेसी थे। दोनों नेताओं ने लंबे समय तक बिहार में कांग्रेस की राजनीति की।
हालांकि, लालू प्रसाद एवं उनके प्रमुख नेताओं का कभी कांग्रेस से सीधा वास्ता नहीं रहा, लेकिन वोट की राजनीति में फिलहाल अल्पसंख्यक वोट पर राजद का एकतरफा कब्जा माना जाता है। जाहिर है, कांग्रेस से बिछड़े हुए लोगों को जोडऩे और छोडऩे में गोहिल को काफी सावधानी बरतनी होगी। नहीं तो कांग्रेस अपना वजूद बचाने की कोशिश में सहयोगियों का नुकसान कर बैठेगी।
आमंत्रण यात्रा का मकसद बताते हुए कौकब कादरी कहते हैं कि राहुल गांधी चाहते हैं कि कांग्रेस के पुराने और समर्पित लोग फिर से साथ आ जाएं। हमारा ध्येय किसी दूसरे दल को मजबूत-कमजोर करना नहीं है। हम सबको लेकर चलना चाहते हैं। दलित-अल्पसंख्यक तो हमारे पुराने आधार हैं। हम सवर्णों को भी साथ लाना चाह रहे हैं।
बहुत साफ है कि राज्यसभा चुनाव के दौरान गुजरात में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के चक्रव्यूह से सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल को निकालकर उच्च सदन का रास्ता प्रशस्त करने वाले शक्ति सिंह गोहिल के बारे में माना जा रहा है कि अगर वह बिहार में फॉर्म में आ गए तो विरोधियों को तो परेशान करेंगे ही, सहयोगी दलों के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।
पुराने कांग्रेसियों को आज से न्योता
राजधानी में कांग्र्रेस विधायकों-नेताओं और मीडिया से मुलाकात करते हुए गोहिल ने रविवार शाम शिवहर के लिए कूच किया है, जहां से वे पुराने कांग्रेसियों को पार्टी में वापस लौटने की अपील करते हुए सीतामढ़ी एवं मुजफ्फरपुर की यात्रा पर जाएंगे। प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी की अवधारणा पर कांग्र्रेस की प्रथम चरण की आमंत्रण यात्रा के दौरान गोहिल रास्ते में पुराने कांग्रेसियों, स्वतंत्रता सेनानियों एवं पार्टी के समर्थकों-प्रशंसकों से मुलाकात का क्रम भी जारी रखेंगे।