गुजरात हिंसा का आफ्टर इफेक्ट: बिहार कांग्रेस ने अल्पेश ठाकोर से किया किनारा
गुजरात में बिहारियों के खिलाफ हिंसा भड़काने के आरोपी व बिहार कांग्रेस सह प्रभारी अल्पेश ठाकोर को पार्टी ने अपने एक बड़े कार्यक्रम में नहीं बुलाया है। क्या है मामला, जानिए यहां।
पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार प्रदेश कांग्रेस ने गुजरात के विधायक व अपने सह प्रभारी अल्पेश ठाकोर से किनारा कर लिया है। आगामी 21 अक्टूबर को राजधानी के एसके मेमोरियल हॉल में आयोजित बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की जयंती समारोह में प्रदेश कांग्रेस ने अल्पेश ठाकोर को आमंत्रित तक नहीं किया है, जबकि अल्पेश कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव के साथ-साथ प्रदेश कांग्रेस के सह प्रभारी भी हैं।
विदित हो कि बीते दिनों गुजरात में एक नन्ही लड़की से दुष्कर्म के बाद भड़की हिंसा में उत्तर भारत, खासकर बिहार के लोगों को निशाना बनाया गया था। उन्हें गुजरात से भागने के लिए मजबूर किया गया। कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकोर पर बिहारियों के खिलाफ भउ़की हिंसा को हवा देने का आरोप है।
श्रीकृष्ण सिंह जयंती समारोह में शामिल नहीं होंगे अल्पेश
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा और पार्टी की प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि श्रीकृष्ण सिंह जयंती समारोह में अल्पेश ठाकोर शामिल नहीं होंगे। हालांकि, उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जयंती समारोह में राजद के वरिष्ठ के नेता व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी महागठबंधन के घटक दलों की ओर से शामिल होंगे। इसके अलावा लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार, डॉ. शकील अहमद, सदानंद सिंह समेत कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेता भी इस समारोह में शिरकत करेंगे।
अखिलेश बोले: यदि अल्पेश दोषी तो हो काननूी कार्रवाई
अखिलेश सिंह ने कहा कि हमने इस जयंती समारोह के लिए अल्पेश को आमंत्रित नहीं किया है। एक सवाल के जवाब में अखिलेश सिंह ने कहा कि गुजरात मामले में हमारी पार्टी का स्टैंड बिल्कुल साफ है। यदि अल्पेश ठाकोर ने गुजरात में रहने वाले बिहारियों के साथ किसी तरह का अपराध किया है तो उनके खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
अखिलेश सिंह ने कहा कि पार्टी केंद्र व गुजरात की भाजपा सरकारों से भी सवाल करती है कि आखिर उन्हें अल्पेश ठाकोर के खिलाफ कार्रवाई करने से किसने रोक रखा है। केंद्र व गुजरात सरकार को इस मामले में राजनीति की बजाय अल्पेश के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।