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नरसंहार और दंगे के आरोपित नेता को सदस्यता देने से बिहार कांग्रेस में उबाल

एक कद्दावर नेता ने जहानाबाद में एक ऐसे नेता को पार्टी की सदस्यता दिलाई ]जिन पर बिहार में नरसंहार में शामिल होने का आरोप है। बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्‍त चरण दास ने सख्‍त हिदायत दी कि किसी को भी पार्टी की सदस्‍यता देने से पहले उनकी रजामंदी जरूर लें।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 03:16 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 09:34 AM (IST)
नरसंहार और दंगे के आरोपित  नेता को सदस्यता देने से बिहार कांग्रेस में उबाल
बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्‍त चरण दास की तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो । बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास (Bihar In-charge Bhakt Charan Das) की मर्जी और जानकारी के बगैर एक दागी छवि वाले नेता को पार्टी की सदस्यता देने की जानकारी मिलने के बाद प्रभारी दास काफी सख्त हो गए हैं। दास ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही जिलाध्यक्षों को हिदायत दी है कि पार्टी में किसी को भी सदस्यता देने के पहले उनकी रजामंदी और पार्टी के नियमों का पालन अवश्य किया जाए।

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तामझाम के साथ दागी नेता की हुई ज्‍वानिंग

असल में बिहार में कांग्रेस के प्रभारी बनाये जाने के बाद पार्टी के बिहार में एक कद्दावर नेता ने उनकी रजामंदी लिए बगैर जहानाबाद में एक ऐसे नेता को पार्टी की सदस्यता दिलाई  जिन पर बिहार में नरसंहार में शामिल होने के आरोप हैं। सूत्रों ने बताया कि यह नेता परसबीघा नरसंहार (Parasbigha massacre)  में आरोपी है। इतना ही नहीं 2015  में जहानाबाद में हुए एक दंगे में भी यह नेता शामिल था। तामझाम से हुई इस जॉइनिंग की खबर भक्त चरण दास के कानों तक भी पहुंच गई। जिसके बाद दास ने अपने तेवर सख्त कर लिए हैं।

वीडियो जारी कर चरण दास ने दी सख्‍त हिदायत

भक्त चरण दास ने बाकायदा एक वीडियो बनाकर पार्टी नेताओं के नाम एक संदेश जारी किया है। जिसमें नेताओं को हिदायत दी गयी है कि पार्टी का कोई भी नेता किसी को कांग्रेस की सदस्यता देने के पहले पार्टी के स्थापित नियमों का पालन करें। जिस किसी को भी पार्टी की सदस्यता ना दे दी जाए। दास ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, सभी कार्यकारी अध्यक्षों के साथ ही जिला अध्यक्ष और जिलों के प्रभारियों से कहा है यदि कोई व्यक्ति किसी नरसंहार, हत्या, घोटाले में आरोपी है तो उसे भूलकर भी सदस्यता ना दिलाएं। यदि किसी को कांग्रेस की सदस्यता लेनी है तो उस व्यक्ति से पहले आवेदन लें। आवेदन के आधार पर उस व्यक्ति के चाल-चलन की पहले जांच होगी इसके बाद ही सदस्यता देने का कोई फैसला लिया जाएगा। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि बिहार प्रभारी की नाराजगी का अंदाज इस बात से भी लगाया जा सकता है कि 13 दिन के दौरे पर यहां आए दास का जहानाबाद जाने का भी कार्यक्रम था, परंतु उन्होंने जहानाबाद जाने का अपना कार्यक्रम भी स्थगित कर दिया है।


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