पटना में नेहरू और जेपी के बीच कड़ी बने वाजपेयी, CM नीतीश ने निबाहा अटल धर्म ...जानिए मामला
नेहरू पथ और जेपी सेतु से सीधे संपर्क को अस्तित्व में आया अटल पथ आर ब्लॉक-दीघा सिक्स लेन सड़क के लोकार्पण समारोह में गठबंधन के अटल धर्म का नीतीश ने किया निर्वाह मुख्यमंत्री के साथ समारोह में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर रेणु देवी व पथ निर्माण मंत्री मंगल पांडेय भी मौजूद
पटना, राज्य ब्यूरो। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर बिहार की पहली सड़क (अटल पथ) का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को लोकार्पण किया। यह सड़क पटना के एतिहासिक नेहरू पथ और गंगा नदी पर बने जेपी (जयप्रकाश नारायण) पुल के बीच सेतु का काम करेगी। अटल के प्रति नीतीश कुमार की श्रद्धा रही है। नीतीश खुद कई बार स्वीकार कर चुके हैैं कि उनकी तरक्की में अटल जी का बड़ा योगदान रहा है। पिछले दिन अरुणाचल प्रदेश की घटना के बाद जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी गठबंधन को मजबूत रखने के लिए अटल धर्म का हवाला दिया गया था। माना जा रहा है कि अटल के नाम पर पटना की इस वीआइपी सड़क के नामकरण के पीछे भी नीतीश कुमार की यही सोच रही है।
लोकार्पण में भी गठबंधन के अटल धर्म का ध्यान
नीतीश कुमार केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री थे। उनपर अटल का अधिक भरोसा था। अटल पथ से पटना के एक साथ दर्जनों मुहल्ले को नेहरू पथ और अशोक राजपथ की नई कनेक्टिवटी मिल गई है। शुक्रवार को जब इसका लोकार्पण हो रहा था तब भी गठबंधन के अटल धर्म का पूरा ख्याल रखा गया। नीतीश कुमार के साथ बड़ी संख्या में भाजपा नेताओं ने भी शिरकत की। डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी एवं पथ निर्माण मंत्री मंगल पांडेय समेत भाजपा के कई नेता मौजूद थे।
रेल मंत्रालय से ली गई जमीन पर बनी है सड़क
आर ब्लॉक से दीघा के बीच बने अटल पथ की लंबाई 6.3 किमी है। यह रेल ट्रैक की जमीन पर बना है। रेलमंत्री पीयूष गोयल के कार्यकाल में यह जमीन राज्य सरकार को हस्तांतरित की गई थी। रेल मंत्रालय को इस जमीन के लिए राज्य सरकार ने 222.19 करोड़ रुपये दिए हैैं। छह लेन तथा कुछ हिस्से में चार लेन में बनी इस सड़क की निर्माण लागत 379.57 करोड़ रुपये है। सड़क के एलायनमेंट में तीन जगहों पर फ्लाइओवर का निर्माण किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे बिहार में सड़कों के निर्माण को लेकर काफी काम हुआ है। बड़ी संख्या में सड़कों के चौड़ीकरण और पुलों के निर्माण का काम चल रहा है। पहले कहां इतनी सड़क थी। लोगों को कितनी परेशानी होती थी। अब कितनी सहजता हो गई है।