Move to Jagran APP

Bihar Chunav Result 2020: युवाओं ने किया RJD को निराश, दस लाख नौकरियाें का तेज पड़ा फीका

Bihar Chunav Result 2020 राजद ने लड़ाई तो दिलेरी से लड़ी मगर नीतीश की जमीनी ताकत के आगे परास्‍त हो गए। महागठबंधन में माले ने राजद के वोटों में जबरदस्‍त इजाफा किया। माले के कारण महागठबंधन से निकले अन्‍य घटक दलों की भरपाई हो सकी ।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Tue, 10 Nov 2020 03:31 PM (IST)Updated: Tue, 10 Nov 2020 09:44 PM (IST)
Bihar Chunav Result 2020: युवाओं ने किया RJD को निराश, दस लाख नौकरियाें का तेज पड़ा फीका
बिहार के सीएम नीतीश कुमार व नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव की तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो । Bihar Chunav Result 2020: विधानसभा चुनाव के रुझान बता रहे है कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन ने लड़ाई तो दिलेरी से लड़ी, लेकिन जदयू-भाजपा की जमीनी ताकत के आगे पस्त हो गया। दस लाख नौकरियां और समान काम के बदले समान वेतन के वादे का भी प्रभावी असर नहीं हो पाया। तेजस्वी यादव के चेहरे को आगे करके महागठबंधन ने लड़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। बेहतर रणनीति बनाई थी। साथी दलों से तालमेल भी अच्छे से किया। सीटों के बंटवारे में ज्यादा झिकझिक नहीं हुई। फिर भी सरकार बनाने का सपना अधूरा रह गया। इसकी प्रमुख वजह है कि युवा वोटर अपेक्षाओं के अनुरूप महागठबंधन की ओर मुखातिब नहीं हो पाए।

prime article banner

युवाओं पर सबसे ज्‍यादा भरोसा था, निराश किया

महासमर में सबसे ज्यादा 251 चुनावी सभाएं करने वाले तेजस्वी ने अपनी मंचों से वादे-इरादों को अभिव्यक्त भी खूब की थी। किंतु नतीजे में सबकुछ उल्टा दिखा तो इसका यह मतलब है कि मतदाताओं के जिस समूह पर राजद को सबसे ज्यादा भरोसा था, वह उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। अपने पूरे चुनावी अभियान में राजद ने युवाओं पर ज्यादा फोकस किया था। घोषणा पत्र में भी युवाओं की समस्याओं को ही आईना बनाया था। चुनावी सभाओं में भी तेजस्वी युवाओं से ही ज्यादा वादा करते दिखे थे। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 18 से 39 वर्ष की उम्र के बीच बिहार में साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा वोटर हैं। यह वोटरों की कुल संख्या का 50 फीसद से भी ज्यादा है, लेकिन चुनाव के नतीजे ने साफ कर दिया कि इस उम्र समूह के युवाओं की बड़ी संख्या का अभी भी नीतीश कुमार के नेतृत्व के प्रति ही भरोसा है।

महिलाओं का जदयू के प्रति झुकाव

महागठबंधन के पक्ष में अपेक्षित नतीजे नहीं आने के पीछे एक बड़ी वजह महिलाओं का जदयू के प्रति झुकाव भी है। मतदान के दौरान बूथों पर आधी आबादी की लंबी-लंबी कतारें देखी गई थीं। पहले चरण को अगर छोड़ दिया जाए तो दूसरे और तीसरे चरण में महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में ज्यादा वोट किए, जो पूरी तरह राजग के पक्ष में गया। यह तर्क इसलिए भी दिया जा रहा है कि दूसरे और तीसरे चरण के चुनाव वाले इलाकों से राजग को ज्यादा सीटें मिलीं। पहले चरण में पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने ज्यादा वोट नहीं किए थे, लेकिन दूसरे चरण से महिलाओं ने आगे निकलना शुरू कर दिया। तीसरे चरण में तो यह प्रतिशत पुरुषों की तुलना में 10 फीसद से भी ज्यादा हो गया।

माले ने राजद को गिरने से थामा

वामदलों से गठबंधन करने के कारण राजद को नीचे गिरने से बचा लिया। मगध, भोजपुर और आसपास के जिलों में भाकपा माले ने कम से कम 30 सीटों पर महागठबंधन के वोटों में इजाफा कराया, जिसके चलते कई सीटें निकालने में कामयाबी मिली। भाकपा माले का मगध और भोजपुर के जिलों में अच्छा संजाल है। कार्यकर्ताओं की संख्या भी अच्छी है, जिसके बूते राजद-कांग्रेस को लड़ाई में बने रहने की जमीन तैयार हो गई। माले ने काफी हद तक उन दलों से रिक्त हुई ताकत की भी भरपाई की, जिन्हें तेजस्वी ने अप्रासंगिक मानकर गठबंधन से बाहर कर दिए थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.