Bihar Chunav Results 2020: राघाेपुर में जीत गए तेजस्वी, नहीं चला राजनाथ, भूपेंंद्र व नित्यानंद का जादू
Bihar Chunav Results 2020 आरजेडी नेता तेजस्वी यादव राघाेपुर सीट पर विजयी रहे। वहां उनके प्रतिद्वंद्वी सतीश यादव के पक्ष में राजनाथ सिंह भूपेंंद्र यादव एवं नित्यानंद का जादू मतदाताओं पर नहीं चला। एलजेपी ने भी खेल बिगड़ा।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Chunav Results 2020 महागठबंधन (Grand Alliance) के मुख्यमंत्री प्रत्याशी (CM Face) एवं राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) राघोपुर सीट (Raghopur Assembly Seat) पर जीत गए। इस हॉट सीट पर देशभर की नजरें टिकीं रहीं। चुनाव परिणाम से स्पष्ट है कि यहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार व पूर्व विधायक सतीश यादव (Satish Yadav) के पक्ष में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh), बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेंंद्र यादव (Bhupendra Yadav) तथा केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) का जादू नहीं चल सका।
राबड़ी देवी को हराकर चर्चित हुए थे सतीश यादव
अहम बात यह है कि सतीश यादव लगातार चौथी बार राघोपुर से किस्मत आजमा रहे थे। वे बीते चुनाव में तेजस्वी यादव से 22733 मतों से हार गए थे। सतीश इसके पहले 2010 में जनता दल यूनाइटेड (JDU) के उम्मीदवार के रूप में विपक्ष की नेता व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) को हराकर चर्चित हुए थे। राबड़ी देवी को सतीश ने 13006 मतों से हराया था।
कारगर होते नहीं दिख रहा दिग्गजों का चुनाव प्रचार
2020 के चुनाव में सतीश यादव के समर्थन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत बीजेपी के कई दिग्गजों का चुनाव प्रचार कारगर होते नहीं दिखा। बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री व बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय समेत कई धुरंधरों ने तेजस्वी को पटकनी देने के लिए सतीश यादव के लिए एड़ी-चोटी की जोर लगाया था। सीधे तौर पर कहें तो यहां तेजस्वी के सामने भूपेंद्र यादव और नित्यानंद राय की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई थी।
एलजेपी के कारण आसान हो गई तेजस्वी की राह
तेजस्वी यादव इस सीट से लगातार दूसरी बार चुनाव लड़ रहे थे। बीजेपी के दिग्गजों कहना है कि लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के प्रमुख चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने इस सीट पर त्रिकोण बनाकर सतीश के खिलाफ खेल बिगाड़ने का बड़ा काम किया। एलजेपी के उम्मीदवार के कारण तेजस्वी की राह आसान हो गई। इससे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के वोटों में बंटवारा हो गया। दलितों के बड़े वोट बैंक में भी एलजेपी ने सेंधमारी की।