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Bihar Chunav 2020 Results: तीन दशक बीते फिर भी नहीं बढ़ी कांग्रेस की ताकत, बिहार में लगातार घटा प्रभाव

Bihar Chunav 2020 Results बिहार में तमाम रणनीति बनाकर भी कांग्रेस सत्ता के करीब नहीं पहुंच पाई। पार्टी को उम्मीद थी कि लंबे अंतराल के बाद बिहार के मतदाता कांग्रेस के हक में नई इबारत लिखेंगे पर ऐसा हुआ नहीं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 05:16 PM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 06:02 PM (IST)
Bihar Chunav 2020 Results: तीन दशक बीते फिर भी नहीं बढ़ी कांग्रेस की ताकत, बिहार में लगातार घटा प्रभाव
बिहार में कांग्रेस का प्रदर्शन इस बार भी उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा।

पटना, जेएनएन। विधानसभा चुनाव 2020 में तमाम रणनीति बनाकर भी कांग्रेस सत्ता के करीब नहीं पहुंच पाई। पार्टी को उम्मीद थी कि लंबे अंतराल के बाद बिहार के मतदाता कांग्रेस के हक में नई इबारत लिखेंगे, पर ऐसा हुआ नहीं। 70 सीटों पर लड़कर कांग्रेस मात्र 19 सीटें ही जीत पाई। अपना पिछला रिकॉर्ड बचाए रखने में भी पार्टी पिछड़ गई। बिहार में कांग्रेस ने एक ऐसा भी दौर देखा जब यहां उसका एकछत्र राज हुआ हुआ करता था। आजादी के बाद से लेकर लालू प्रसाद का राजनीतिक उदय होने के पहले तक कांग्रेस ने बिहार को 14 मुख्यमंत्री दिए। परन्तु 1989 के बाद कांग्रेस की कभी सत्ता में वापसी नहीं हुई। सहयोगियों के साथ सत्ता में जाने के बीच के एक-दो मौके को छोड़ दें तो पार्टी अपने बूते सरकार बनाने की हैसियत खोती ही रही। 

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चुनाव             जीत      वोट प्रतिशत

2005 -84          10        5.0

2005- 51          09        6.09

2010 - 243       04        8.37 

2015 - 41         27       6.66

2020 - 70         19       9.48    

धीरे-धीरे घटने लगीं सीटें 

1990 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खाते में 71 सीटें आईं। इसके बाद 1995 के चुनाव में 29 सीटें। इसके बाद के दौर में कांग्रेस के यह ग्राफ चुनाव-दर-चुनाव गिरता ही गया। 2015 में महागठबंधन के साथ चुनाव लड़कर कांग्रेस को जरूर मामूली फायदा हुआ, लेकिन 2020 में इस मामले में भी कांग्रेस पिछड़ गई। कांग्रेस ने फरवरी 2005 में विधान सभा की 84 सीटों पर जोर आजमाइश की। पर जीत मिली सिर्फ 10 सीटों पर। उसी साल अक्टूबर में 51 सीटों पर चुनाव लड़ा पर जीत मिली नौ सीटों पर। 2010 के चुनाव में कांग्रेस ने अपने बूते 243 सीटों पर किस्मत आजमाई पर कांग्रेस के मुकद्दर में सिर्फ चार सीटें ही आई। 

जमीनी स्तर पर और करनी होगी मेहनत

इसके बाद 2015 में 41 सीटें लड़कर कांग्रेस ने 27 जीती और 2020 में 70 पर पार्टी लड़ी और जीत मिली सिर्फ 19 सीटों पर। पिछले तीन दशक के चुनाव और उनके परिणाम बता रहे हैं कि कांग्रेस को अभी जमीनी स्तर पर और मेहनत करनी होगी और उसके नेतृत्व को अपने आधार वोट को पार्टी से जोडऩे के लिए कड़ी मेहनत भी करनी होगी। सफलता तभी पार्टी के खाते में आएगी। 


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