Bihar Chunav 2020: कामेश्वर चौपाल- राम मंदिर की रखी थी पहली ईंट, अब बिहार मंत्रिमंडल में मिल सकती है अहम जिम्मेदारी
Bihar Chunav 2020 राम मंदिर आंदोलन से जुड़ रहे बीजेपी नेता कामेश्वर चौपाल को बिहार मंत्रिमंडल में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। चौपाल ने ही 1989 में राम मंदिर के शिलान्यास समारोह में पहली ईंट रखी थी।
पटना, जेएनएन। बिहार विधानसभा चुनाव के बाद अब नई सरकार के गठन की बारी है। इसक लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में कवायद शुरू है। इस सिलसिले में शुक्रवार को एनडीए के सभी घट दलों के नेताओं की अनौपचारिक बैठक मुख्यमंत्री आवास पर हुई। बैठक में नीतीश कुमार को एनडीए विधायक दल का नेता चुनने सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। इस बीच बड़ी खबर यह है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल (kameshwar Chaupal) को मंत्रिमंडल में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। चर्चा है कि उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और सुशील मोदी ने इस बाबत जानकारी से इनकार किया है।
कामेश्वर चौपाल को दी जा सकती है अहम जिम्मेदारी
विदित हो कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास पर एनडीए नेताओं की अनौपचारिक जुटान हुई। इसके बाद एनडीए विधायक दल की औपचारिक बैठक 15 नवंबर को 12:30 बजे से होगी, जिसमें मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार के नाम पर मुहर लग जाएगी। में इसपर मुहर लग जाएगी। बताया जाता है कि इसी दौरान कामेश्वर चौपाल को कोई अहम जिम्मेदारी देने की भी घोषणा भी की जा सकती है। कामेश्वर चौपाल कहते हैं कि पार्टी का सिपाही होने के नाते जो जिम्मेदारी दी जाएगी, उसका वे निर्वाह करेंगे।
बीजेपी का दलित चेहरा, राम मंदिर आंदोलन से भी नाता
बीजेपी का दलित चेहरा माने जाने वाले कामेश्वर चौपाल राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं। उन्हें बिहार मत्रिमंडल में बड़ा पद देने से हिंदुत्व वोट बैंक मजबूत होगा। साथ ही दलितों के बीच पार्टी की पैठ भी बढ़ेगी। माना जा रहा है कि यह राम विलास पासवान के निधन के बाद खाली हुए दलित चेहरे की भरपाई की कोशिश है।
1989 में रखी थी राम मंदिर शिलान्यास की पहली ईंट
विदित हो कि फरवरी 2020 में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट में बिहार से बीजेपी नेता कामेश्वर चौपाल को भी शामिल किया गया था। उन्होंने ही नवंबर 1989 को राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास कार्यक्रम में पहली ईंट रखी थी। उस शिलान्यास के बाद कामेश्वर चौपाल का नाम सुर्खियों में आ गया था। तब वे विश्व हिंदु परिषद में थे।
कैसा रहा अभी तक का राजनीतिक जीवन, जानिए
राम मंदिर के शिलान्यास समारोह के बाद बीजेपी में शामिल होकर उन्होंने सक्रिय राजनीति शुरू की। साल 1991 में उन्होंने रोसड़ा तथा 1995 में बेगूसराय की बखरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। 2002 से 2014 तक वे बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे। 2014 में बीजेपी ने उन्हें सुपौल लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया, लेकिन वे फिर चुनाव हार गए। अब आगे बिहार में उन्हें क्या जिम्मेदारी दी जाती है, इसपर लोगाें की नजरें लगीं हैं।