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Bihar Chunav Result: महिलाओं की कतारों पर JDU ने जताया भरोसा, विधानसभा पहुंचाने में रह गई पीछे

बिहार चुनाव 2020ः महिला वोटरों की लंबी कतार पर जदयू को चुनाव में स्वाभाविक रूप से भरोसा रहा है। इस बार भी तीसरे चरण में महिला वोटरों के बीच मतदान का प्रतिशत पुरुष वोटरों की तुलना में अधिक रहा।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 04:03 PM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 04:03 PM (IST)
Bihar Chunav Result: महिलाओं की कतारों पर JDU ने जताया भरोसा, विधानसभा पहुंचाने में रह गई पीछे
बड़ी संख्या में बिहार चुनाव में जेडीयू के टिकट पर लड़ीं महिलाएं हार गईं।

भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। महिला वोटरों की लंबी कतार पर जदयू को चुनाव में स्वाभाविक रूप से भरोसा रहा है। इस बार भी तीसरे चरण में महिला वोटरों के बीच मतदान का प्रतिशत पुरुष वोटरों की तुलना में अधिक रहा। आधी आबादी की संख्या बढ़ने पर यह चर्चा शुरू हो गई कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्लस करेगा। जदयू ने महिला सशक्तीकरण का ख्याल रखते हुए इस बार के चुनाव में अपनी 115 सीटों में से 22 सीटें महिला प्रत्याशियों को दीं पर केवल छह महिला प्रत्याशियों को ही सफलता मिल सकी। कई बार से जीत दर्ज करने वाली महिलाएं भी हार गईं। वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू के टिकट पर नौ महिलाएं जीतकर आई थीं।

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केवल इन छह महिलाओं को ही मिली जीत

जदयू की टिकट पर जिन पांच महिलाओं को जीत मिली उनमें धमदाहा से लेसी सिंह, रूपौली से बीमा भारती, त्रिवेणीगंज से वीणा भारती, बाबूबरही से मीना कामत व फूलपरास से शीला मंडल शामिल हैैंं। लेसी सिंह पूर्व में राज्य मंत्रिमंडल की सदस्य रह चुकी हैैं। वह पूर्णिया के धमदाहा सीट से लड़ रही थीं। धमदाहा में ही इस बार के चुनाव में मुख्यमंत्री की आखिरी सभा हुई थी। लेसी सिंह को 97057 वोट मिले और उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजद के दिलीप कुमार यादव को 63463 वोट आए। यहां भी लोजपा के प्रत्याशी मैदीन में थे। लोजपा उम्मीदवार रमेश कुमार मेहता को 9415 वोट आए। राज्य मंत्रिमंडल की सदस्य बीमा भारती पूर्णिया जिले के ही रूपौली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रही थीं। रुपौली में बीमा भारती कई बार जीत चुकी हैैं। इस बार भी वह बड़े अंतर से चुनाव जीतीं।

बीमा भारती को 64324 वोट आए और उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी यहां लोजपा के शंकर सिंह रहे। उन्हें 44829 वोट मिले। बीमा भारती के लिए यह जीत इसलिए भी महत्व की है कि यहां महागठबंधन के प्रत्याशी के रूप में भाकपा के विकास चंद्र मंडल थे। उन्हें 41646 वोट आए। त्रिवेणीगंज से जदयू की टिकट पर पिछली बार भी जीतीं वीणा भारती इस बार भी जीत गयीं। उन्हें 79262 वोट मिले और उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजद के संतोष कुमार को 75860 वोट मिलो। इनके अतिरिक्त जिन दो महिला प्रत्याशियों को जदयू ने मैदान में उतारा था वो पहली बार चुनाव में थीं। मधुबनी के बाबूबरही से जदयू ने हाल ही में दिवंगत हुए मंत्री कपिलदेव कामत की बहू मीना कामत को टिकट दिया था। वह चुनाव जीत गयीं। उन्हें 77133 वोट आए और उनके सामने राजद के उमाकांत यादव को 65111 वोट मिले। मधुबनी के ही फूलपरास से इस बार जदयू ने अपना उम्मीदवार बदल दिया था। गुलजार देवी सीटिंग विधायक थीं। उनकी जगह शीला मंडल को जदयू ने अपना प्रत्याशी बनाया था। वह पहली बार चुनाव मैदान में थीं। उन्हें 74919 वोट आए और निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे कांग्रेस के कृपानाथ पाठक। उन्हें 63721 वोट मिले। केसरिया से शालिनी मिश्रा को जदयू ने अपना उम्मीदवार बनाया था। वह पहली बार मैदान में थीं। उन्होंने राजद के संतोष कुशवाहा को मैदान में हराया।  शालिनी मिश्रा को 40093 वोट आए और संतोष कुशवाहा को 30741 वोट मिले। 

इन सोलह महिला प्रत्याशियों को मिली हार

जदयू की सोलह महिला प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा। इनमें बाजपट्टी से रंजू गीता सीटिंग विधायक थीं। बेलसंड से सुनीता सिंह चौहान भी सीटिंग विधायक थीं। अररिया से शगुफ्ता अजीम को जदयू ने अपना प्रत्याशी बनाया था। वह बड़े अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी आबिदउर रहमान से हार गयीं। जीरादेई से कमला कुशवाहा लड़ रही थीं। उनका भी यह पहला चुनाव था। उन्हें भाकपा (माले) के प्रत्याशी ने हरा दिया। एकमा के वर्तमान विधायक मनोरंजन कुमार सिंह की पत्नी सीता देवी इस बार एकमा से लड़ रही थीं। उन्हें राजद के श्रीकांत यादव ने हरा दिया। मांझी से माधवी सिंह को दूसरा स्थान भी नहीं मिला। महुआ से आस्मां परवीन भी हार गयीं। उन्हें राजद के मुकेश रौशन ने हराया। अश्वमेध देवी को समस्तीपुर से राजद के अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने हराया। पूर्व मंत्री मंजू कुमारी वर्मा को चेरिया बरियारपुर से राजद के राजवंशी महतो ने हरा दिया। अंजुम आरा डुमरांव से, पूनम देवी खगडिय़ा से, नूतन पासवान मसौढ़ी से, पूर्णिमा देवी गोविंदपुर से, अतरी से मनोरमा देवी और अलौली से साधना सदा जदयू प्रत्याशी के रूप में थीं पर उन्हें सफलता नहीं मिली। जगदीशपुर से सुष्मलता कुशवाहा को दूसरा स्थान भी नहीं मिला।


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