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Bihar Chunav 2020: आखिरी चरण में भाजपा ने शहरी वोटरों पर भी लगाया जोर

Bihar Chunav 2020 चुनाव प्रचार थमने के बाद दिल्ली और पटना से लेकर जिलों में डटे दलों के दिग्गज समीकरण दुरुस्त करने में जुटे रहे। मतदाताओं में सेंधमारी व बूथ प्रबंधन का गणित लगाते रहे दलों के दिग्गज। पढि़ए भाजपा की फील्डिंग की पूरी रिपोर्ट।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 02:27 PM (IST)Updated: Fri, 06 Nov 2020 02:27 PM (IST)
Bihar Chunav 2020: आखिरी चरण में भाजपा ने शहरी वोटरों पर भी लगाया जोर
भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा की तस्‍वीर।

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पटना, रमण शुक्ला। Bihar Chunav 2020: विधानसभा चुनाव का प्रचार अभियान थमने के बाद घर-घर दस्तक देने के लिए भाजपा के दिग्गज शुक्रवार को स्थानीय कार्यकर्ताओं को प्रेरित करते रहे। शनिवार को आखिरी चरण के लिए मतदान होना है। ऐसे में शुक्रवार को भाजपा के रणनीतिकार दिल्ली और पटना से लेकर जिलों में डटे स्थानीय वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों से फीड बैक लेते रहे। यही नहीं, समीकरण दुरुस्त करने के साथ बूथ प्रबंधन तक की मॉनीटरिंग में पूरी टीम जुटी रही। अहम यह कि कौन प्रत्याशी किस-किस क्षेत्र और गांवों में का भ्रमण किया। किस बूथ पर कहां क्या परेशानी है। विपक्षी दल कहां मतदान को प्रभावित कर सकता है। जातिगत समीकरण के लिहाज से एनडीए के पक्ष में कहां मतदान प्रभावित होने की आशंका है जैसे तमाम पहलू पर फीड बैक लेने की मुहिम में चुनाव प्रबंधन टीम जुटी रही।

आखिरी चरण में भाजपा मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, रक्सौल, नरकटियागंज, दरभंगा, कटिहार, पूर्णिया और सहरसा जैसे 80 फीसद से अधिक शहरी आबादी वाले सीटों पर लड़ रही है। ऐसे में पार्टी के सामने दूसरे चरण वाले शहरी सीटों पर गिरे मतदान फीसद की चुनौती को ध्यान में रखते हुए मतदाताओं को जागरूक करने की बड़ी जिम्मेदारी है। पार्टी ने प्रत्याशियों को इस प्रबंधन पर विशेष रूप से काम करने का निर्देश दिया है।

मतदान के लिए मनुहार करने की गहमा-गहमी रही

बता दें कि आखिरी चरण में 78 सीटों पर चुनाव शेष है। एनडीए में 78 सीटों पर 35 पर भाजपा, 37 पर जदयू, पांच पर वीआइपी और एक सीट पर हम उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। ऐसे में मतदान से एक दिन पहले प्रत्याशियों ने अपने-अपने क्षेत्र में घर जाकर बिना शोरगुल के मतदाताओं से मतदान करने की अपील की। विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार का शोर पूरी तरह थमने के कारण केवल प्रत्याशियों और स्थानीय कार्यकर्ताओं के बीच पर्ची पहुंचाने और मतदान के लिए मनुहार करने की गहमा-गहमी रही। कोरोना संक्रमण से डरने नहीं, बल्कि बूथ पर सुरक्षा संबंधित तमाम उपायों के बारे में बताया। कई जिलों में दलों के नुमाइंदों ने विपक्षी दलों द्वारा गड़बड़ी की आशंका भांपते हुए जिला निर्वाचन अधिकारियों से विशेष निगरानी और इंतजाम सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

शहरी सीटों के मतदाताओं पर जोर

दूसरे चरण में राजधानी पटना की सीटों के मतदाता फिसड्डी रहे थे। खासकर कुम्हरार 36, दीघा में 35 और बांकीपुर में महज 36 फीसद मतदाताओं ने मतदान किया। दानापुर और पटना साहिब सीटों पर महज 50 फीसद मतदाता घर से नहीं निकले। इन सीटों पर कोरोना का खौफ कहें या फिर मतदाताओं के बीच उत्साह की कमी, लेकिन पिछले चुनावों की तुलना में मतदान फीसद में भारी गिरावट सामने आया। यही वजह है कि भाजपा ने शहरी सीटों पर मतदाताओं को जागरूक करने का शुक्रवार को विशेष अभियान चलाया।


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