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Bihar Chunav 2020: जीते उम्मीदवारों को बांधे रखना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती, पटना में बैठ 'टीम राहुल' ने बनाई रणनीति

Bihar Chunav 2020 पर्यवेक्षकों की जिम्मेदारी है कि वे अपने-अपने जिले के कांग्रेस प्रत्याशियों से लगातार संपर्क में रहें और उनसे बातचीत जारी रखें। खुद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला प्रभारी अजय कपूर और वीरेंद्र राठौर स्वयं पटना में बैठ मानीटरिंग में जुटे हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 09 Nov 2020 02:29 PM (IST)Updated: Tue, 10 Nov 2020 09:51 AM (IST)
Bihar Chunav 2020: जीते उम्मीदवारों को बांधे रखना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती, पटना में बैठ 'टीम राहुल' ने बनाई रणनीति
पटना में कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक करते रणदीप सिंह सुरजेवाला (फाइल फोटो)।

पटना [ सुनील राज ]। Bihar Chunav 2020 बस चंद घंटों के बाद चुनाव के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। जो तय करेंगे कि बिहार का ताज किसके सिर सजने वाला है। एक्जिट पोल के जो नतीजे आए हैं उन्होंने कांग्रेस के अंदर उत्साह तो जरूर बढ़ाया है, लेकिन पार्टी नेतृत्व की चिंता भी बढ़ी है। कांग्रेस नेतृत्व की इस चिंता की वाजिब वजहें भी हैं। टिकट बंटवारे के पूर्व पार्टी के अंदर टिकटों को लेकर जिस प्रकार की कलह मची उसकी चिंगारी प्रदेश नेतृत्व के साथ केंद्रीय नेतृत्व ने भी देखी। नेतृत्व पर ऐसे लोगों को टिकट देने के आरोप लगे जिनका पार्टी से सरोकार भले ही रहा हो परन्तु वे पार्टी के सुख-दुख के भागी कभी नहीं रहे। ऐसे कई प्रत्याशियों को लेकर पार्टी के अंदर ही अंदर आग अब भी बरकरार है।

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टीम राहुल गांधी के सदस्यों ने संभाला मोर्चा

कांग्रेस के अंदरखाने के सूत्रों की माने तो जो लोग पार्टी से सरोकार ना रखने वालों को टिकट देने को लेकर आवाज उठाते रहे हैं उनके बागी तेवर अब भी ठंडे नहीं पड़े हैं। इनमें अधिकांश ऐसे नेता हैं जो 2018 में पार्टी को छोडऩे की तैयारी में थे। हालांकि उस दौरान 18 विधायकों की संख्या पूरी ना होने की वजह से बागी अपने मकसद में सफल नहीं हो सके। पार्टी को अंदेशा है कि  ऐसे लोग चुनाव जीतकर आने के बाद कुर्सी के मोह में पार्टी का साथ छोड़ सकते हैं। इसी अंदेशे को देखते हुए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने राहुल गांधी की टीम के सदस्यों को बिहार में घटक दलों के साथ समन्वय और जीते हुए प्रत्याशियों की मॉनीटरिंग में लगा दिया है। केंद्रीय स्तर के नेताओं के अलावा, राजस्थान, पंजाब, मध्यप्रदेश, झारखंड के साथ ही बिहार के नेताओं को भी पर्यवेक्षक बनाकर एक-एक प्रत्याशी के साथ लगाया गया है।

प्रदेश अध्यक्ष ने गड़बड़ी की आशंका से किया इन्कार

पर्यवेक्षकों की जिम्मेदारी है कि वे अपने-अपने जिले के कांग्रेस प्रत्याशियों से लगातार संपर्क में रहें और उनसे बातचीत जारी रखें। खुद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला, प्रभारी, अजय कपूर और वीरेंद्र राठौर स्वयं पटना में बैठ मानीटरिंग में जुटे हैं। हालांकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ऐसी किसी भी आशंका से इंकार करते हैं। वे कहते हैं कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के साथ ही प्रदेश नेतृत्व के लोग लगातार चुनाव मैदान में किस्मत आजमाने वाले प्रत्याशियों के संपर्क में हैं। पार्टी ने काफी ठोक बजा कर लोगों के समर्पण-आस्था को देख ही उन्हें सिंबल दिया है। ऐसे में परिणाम आने के बाद किसी भी प्रकार की गड़बड़ की आशंका नहीं। ना ही पार्टी में टूट होगी। यदि कोई ऐसा करने का साहस भी करता है तो उसकी सदस्यता जानी तय है। पार्टी का एक-एक नेता, कार्यकर्ता सिपाही की तरह एकजुट है और बिहार में महागठबंधन तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सरकार बनाने जा रहा है।


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