Bihar Assembly Election Result 2020: महिलाओं की दशा सुधारने के मिले अच्छे नतीजे
केंद्र सरकार की अनेक नीतियों का फायदा भी लगभग सभी महिलाओं को मिला जिस कारण राज्य में मतदाताओं का यह एक नया वर्ग उभरा और माना जा रहा है कि राजग सरकार को एक बार फिर से सत्ता में लाने में इस वर्ग की बड़ी भूमिका रही है।
अभिजीत। भाजपा और जदयू गठबंधन के बारे में हमेशा से यह कहा जाता रहा है कि दोनों ही दलों का अपना एक जातीय आधार है, तो अब उनके पास एक और वर्ग भी बन गया है, जो इन दोनों ही दलों से जुड़ाव महसूस करता है। महिलाओं का यह वर्ग भाजपा और जदयू दोनों ही दलों के साथ है व इन्हें ही अपना शुभचिंतक मानता है। इस बार के चुनाव प्रचार में भी जदयू और भाजपा के नेताओं को यह पता था और प्रचार में भी उन्होंने इसका पूरा प्रयोग किया। चाहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों ने ही अपने भाषणों में महिलाओं के लिए किए गए अपने कार्यो का जिक्र किया और इसका उन्हें भरपूर लाभ भी मिला।
वहीं राष्ट्रीय जनता दल के खिलाफ हुए ध्रुवीकरण के कारण सत्ता में आई राजग अपने मतदाताओं के बीच के वैचारिक सामाजिक अंतर और विविधता तथा इनको लेकर बनाए गए समीकरण की नाजुकता को समझती थी और शायद यही कारण रहा कि अपने पहले कार्यकाल से ही राजग ने एक नए वोट बैंक के तौर पर उभारने के लिए ऐतिहासिक रूप से राजनीतिक तौर पर नजरअंदाज होती रही महिलाओं के विषयों पर कार्य किया और उनको राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत किया।
यह मुहीम सामाजिक परिवर्तन के तौर पर शुरू हुई और एक राजनीतिक परिवर्तनकारी शक्ति के तौर केंद्रित हुई है जो पिछले 15 वर्षो से राजग से जुड़ा रहा है। शायद यही कारण रहा कि आधी आबादी ने इस बार राजग के समर्थन में मतदान किया है। ऐसे राज्य में जहां चुनावों में किसी भी दल की जीत के लिए जाति एक अहम विषय हुआ करती है, वहीं महिलाओं का मतदाताओं के एक अलग वर्ग के रूप में उभरना और नेताओं द्वारा इसे समझ पाना एक विशेष महत्व रखता है। यह बिहार के लिए एक अच्छी बात है। इससे महिलाओं की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक दशा में व्यापक सुधार होगा। इससे महिला सशक्तीकरण की राह प्रशस्त होगी।