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Bihar Chunav 2020 Big Fight: परिहार की विधायक बनने को मुखिया मैडम बेकरार, जीत मिली तो पति का भी बढ़ेगा मान

Bihar Chunav 2020 Big Fight मुखिया रितू के चुनाव लड़ने के कारण परिहार विधानसभा क्षेत्र चर्चे में है। राजद ने अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे की दावेदार को खारिज कर रितू को प्रत्याशी बनाया है। पूर्वे अपनी पत्नी रंजना पूर्वे को चुनाव लड़ाना चाहते थे।

By MritunjayEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 06:24 PM (IST)Updated: Sat, 07 Nov 2020 06:26 PM (IST)
Bihar Chunav 2020 Big Fight: परिहार की विधायक बनने को मुखिया मैडम बेकरार, जीत मिली तो पति का भी बढ़ेगा मान
चैंपियंस ऑफ चेंज पुरस्कार से भी सम्मानित मुखिया रितू जायसवाल परिहार विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रही हैं।

सीतामढ़ी, जेएनएन। Bihar Chunav 2020 Big Fight एक मुखिया के नाते रितू जायसवाल ने बिहार की राजनीति में अच्छा-खासा नाम कमाया है। इस नाम के बदाैलत ही वह अब विधायक में प्रमोशन चाहती हैं। रितू सीतामढ़ी जिले के परिहार विधानसभा क्षेत्र से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। यहां बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में 7 नवंबर संपन्‍न हो चुका है। चुनाव जीत गई तो रितू के साथ-साथ उनके पति अरुण कमार का भी मान और सम्मान बढ़ेगा। 

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पूर्व प्रदेश अध्यक्ष की पत्नी की दावेदारी का खारिज कर राजद ने दिया टिकट

मुखिया रितू के चुनाव लड़ने के कारण परिहार विधानसभा क्षेत्र चर्चे में है। राजद ने अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे की दावेदार को खारिज कर रितू को प्रत्याशी बनाया है। पूर्वे अपनी पत्नी रंजना पूर्वे को चुनाव लड़ाना चाहते थे। रितू अपने काम के कारण काफी लोकप्रिय हैं। चुनाव से पहले जदयू महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष के पद से इस्तीफा देकर राजद का दामन थाम लिया। सोनबरसा प्रखंड की सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया रितू को अपनी पंचायत में आदर्श स्थापित करने के लिए ढेरों पुरस्कार मिल चुके हैं। चैंपियंस ऑफ चेंज पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुकी हैं।

इस तरह राजनीति में रखा कदम

दिल्ली के एक पब्लिक स्कूल में शिक्षिका और बाद में अपना स्टार्टअप शुरू कर अच्छी-खासी जिंदगी जी रहीं रितु ने कभी सोचा भी न था कि कभी राजनीति का रूख भी करेंगी। पति अरुण कुमार आइआरएस एलाएड रहे हैं। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर फिलहाल राजनधानी पटना में आइएएस की कोचिंग चलाते हैं। वह 43 वर्ष की हैं। उनको दो बच्चे हैं। 2013 में वह अपने पति के साथ गांव टोले नरकटिया लौटीं तो वहां बदहाली देखकर व्यथित हो गईं। गांव घूमकर लोगों से मिलीं, उनका दुख-दर्द सुना। फिर गांव में ही रहकर गांव में बदलाव की ठान ली। हालांकि, यह उनके लिए आसान नहीं था। कुछ लोगों ने उन्हें सलाह दी कि ठाठ-बाट की जिंदगी को छोड़ क्यों गांव की मिट्टी व कीचड़ में काम करने के लिए उतारु हो रही हैं। मगर वह अपने निर्णय पर अडिग रहीं। फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, वाट्सएप पर सक्रिय रहती हैं। उनके अच्छे-खासे फॉलोअर्स हैं। विस चुनाव में उनके द्वारा दायर हलफनामे के अनुसार, वह बेदाग छवि की हैं। वर्ष 2018 व 2019 में दो केस दर्ज हुए भी थे न्यायालय ने वो मामले असत्य करार दे दिए गए।

भाजपा की गायत्री देवी को हैट्रिक लगाने से रोकने की चुनाैती

परिहार विधानसभा सीट से भाजपा ने वर्तमान विधायक गायत्री देवी पर भरोसा किया है। वह 2010 और 2015 का चुनाव जीत चुकी हैं। गायत्री देवी अबकी हैट्रिक लगाने के लिए चुनाव लड़ रही हैं। रितू का गायत्री देवी से मुकाबला है। 


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