बिहार सरकार के मुखिया पुराने, फिर भी हुआ ये बदलाव
सरकार का मुखिया वही, सचिवालय भी वही, लेकिन शनिवार दोपहर नजारा बदला हुआ था। किसी के हाथ में बुके तो कोई गुलदस्ता लिए स्वागत में पलक-पावड़े बिछाए दिखा। हर आंखों में नई चमक। यह नजारा था सचिवालय के जल संसाधन भवन का।
पटना। सरकार का मुखिया वही, सचिवालय भी वही, लेकिन शनिवार दोपहर नजारा बदला हुआ था। किसी के हाथ में बुके तो कोई गुलदस्ता लिए स्वागत में पलक-पावड़े बिछाए दिखा। हर आंखों में नई चमक। यह नजारा था सचिवालय के जल संसाधन भवन का। मौका था नए मंत्री के स्वागत का।
शनिवार होने के बावजूद नीतीश सरकार के नए जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह दफ्तर पहुंचे। अधीनस्थों ने उनका जोरदार स्वागत किया। कार्यभार संभालने की औपचारिकताएं पूरी हुईं।
उसी दौरान एक बार फिर ऊर्जा विभाग की जिम्मेदारी संभालने वाले बिजेंद्र प्रसाद यादव भी ललन सिंह से मिलने पहुंच गए। इस चकाचौंध से इतर मंत्री जी के स्वागत को लेकर सचिवालय कर्मियों के बीच चुहलबाजी चलती रही।
सप्ताहांत होने की वजह से मुख्यमंत्री सचिवालय और कैबिनेट मीटिंग कक्ष को छोड़कर पूरे सचिवालय परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ था। न्यू बिल्डिंग और सूचना भवन से लेकर विश्वेश्वरैया भवन तक माहौल सुनसान रहा।
अलबत्ता गृह विभाग और डीजीपी पीके ठाकुर का गलियारा गुलजार था। वहां कानून-व्यवस्था के संदर्भ में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समीक्षा बैठक करने वाले थे। चंद प्रमुख सचिवों और मंत्री सेल कक्ष छोड़कर अन्य भवनों में कोई आमदरफ्त नहीं। जहां मजमा था, वहां पूर्व मंत्रियों का नेम प्लेट देखकर कोई तंज कस रहा था तो कोई नए मंत्रियों का नेम प्लेट देख कौतूहल जाहिर कर रहा था।
नेम प्लेट का रंग बदला
सचिवालय के गलियारे में चंद आने जाने वाले बाबूओं के बीच नीतीश कुमार की नई सरकार में मंत्रियों के नेम प्लेट का नया रंग भी चर्चा का विषय बना रहा। काले और ब्लू रंग की जगह इस बार सुर्ख लाल रंग की नई नेम प्लेट लगी हैं।
मुख्य भवन में जिन मंत्रियों की नेम प्लेट सुर्ख समाजवादी रंग की हैं, उनमें राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. मदन मोहन झा और पर्यटन अनिता देवी का नाम शुमार है। न्यू बिल्ंिडग में निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री अब्दुल जलील मस्तान की नेम प्लेट टंग चुकी है।
सजाने-संवारने का सिलसिला जारी
विकास भवन, निर्माण भवन, सिंचाई भवन एवं सूचना भवन में नए मंत्रियों के लिए कक्षों को सजाने-संवारने में कारपेंटर, इलेक्ट्रिशियन और प्लंबर जुटे रहे। दूसरी तरफ अफसरों और बाबुओं के बीच नए मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे को लेकर चर्चाएं बुलंदी पाती रहीं। कुछ अफसर अपने स्टाफ के साथ मंत्री सेल की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करते दिखे।
कार्यालयों को मिला नया लुक
मंत्रियों के ऑफिस को नया लुक देने की भरपूर कोशिश की गई है। दफ्तरों के दरवाजों और खिड़कियों के पर्दे तक बदल दिए गए हैं। सचिवालय के गलियारों में साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखा गया है।
पुराना सचिवालय के कैंपस स्थित पार्क में फूलों के गमलों की नए सिरे से रंगाई कराई गई है तो प्रांगण में लगे छोटे-बड़े पेड़-पौधों की कटाई-छंटाई के साथ ही प्रकाश की व्यवस्था आकर्षक है।