कांग्रेस कोटे के मंत्रियों पर आज हो सकता है फैसला, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव से मिलेंगे भक्त चरण दास
Bihar Cabinet Expansion Update बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से आज मिलेंगे कांग्रेस के राज्य प्रभारी भक्तचरण दास कांग्रेस के मंत्रियों के नाम पर होगी चर्चा लालू यादव से पहले ही मिल चुके हैं दास
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Cabinet Expansion: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नई सरकार में कांग्रेस तीसरा सबसे बड़ा दल है। करीब पांच साल बाद बिहार की सरकार में लौट रही कांग्रेस चाहती है कि उसे सरकार में अधिक से अधिक मंत्री पद मिले। इस मसले पर बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्तचरण दास ने शनिवार को दिल्ली में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की। वह इस मसले पर बातचीत को अंतिम रूप देने रविवार को पटना आ रहे हैं।
नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनों से मिलेंगे भक्त चरण दास
इस दौरान कांग्रेस के महागठबंधन सरकार में शामिल होने और अन्य बिंदुओं को लेकर दास का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मिलने कार्यक्रम है। इससे पहले दास ने शनिवार को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास का बयान सामने आया है। उन्होंने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के साथ बैठक करने की बात कही है। बता दें कि भक्त चरण दास ने बताया कि हमने राहुल गांधी और सोनिया गांधी से बात की, लालू यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात की। ऐसे में अब रविवार को नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के साथ बैठक करेंगे।
15 अगस्त के बाद कभी भी मंत्रिमंडल का विस्तार संभव
नीतीश कुमार मंत्रिमंडल का विस्तार 15 अगस्त के बाद कभी भी हो सकता है। इसको लेकर महागठबंधन नेताओं के बीच में आम राय बन रही है। भक्तचरण दास ने दिल्ली में राजद के राष्ट्रीय लालू यादव से मुलाकात की। नीतीश कुमार सरकार का कांग्रेस भी हिस्सा है। ऐसे में कांग्रेस को कितने पद मिलेंगे, यह सवाल बेहद अहम है? इस पर भक्तचरण दास ने बताया कि कितने पद मिलेंगे, यह तो नहीं पता लेकिन सम्मानजनक रहेगा।
11 नेता जता चुके हैं मंत्री बनने की इच्छा
चर्चाएं हैं कि कांग्रेस के 11 नेता मंत्री बनने की इच्छा पार्टी नेतृत्व से जता चुके हैं। पार्टी के बिहार में कुल 19 विधायक हैं। इस आधार पर कांग्रेस को तीन से चार मंत्री पद ही मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। दिलचस्प है कि कांग्रेस के विधायकों के अलावा कुछ विधान पार्षद भी मंत्री पद की दौड़ में हैं। ऐसे में अपने कोटे के मंत्रियों के नाम तय करना कांग्रेस के लिए भी आसान नहीं है।