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बिहार कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला: अब 10 दिनों में मिलेगा ड्राइविंग लाइसेंस, 30 दिनों में मकान का नक्‍शा

बिहार कैबिनेट की बैठक मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार की अध्‍यक्षता में हुई। बैठक में कुल 15 एजेंडा पर मुहर लगी। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें यह खबर।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Tue, 03 Sep 2019 05:53 PM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2019 09:33 PM (IST)
बिहार कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला: अब 10 दिनों में मिलेगा ड्राइविंग लाइसेंस, 30 दिनों में मकान का नक्‍शा
बिहार कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला: अब 10 दिनों में मिलेगा ड्राइविंग लाइसेंस, 30 दिनों में मकान का नक्‍शा

पटना [जेएनएन]। बिहार कैबिनेट (Bihar Cabinet) की बैठक मंगलवार को मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अध्‍यक्षता में हुई। इस बैठक में कुल 15 एजेंडा पर मुहर लगी। इनमें किडनी ट्रांसप्‍लांट के मरीजों को लेकर बड़ा फैसला लिया गया। अब उन्‍हें इसके लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इसके अलावा पटना मेट्रो समेत अन्‍य महत्‍वपूर्ण प्रस्‍तावों को स्‍वीकृति दी गई। नागरिकों को अब महज 10 दिनों के अंदर ड्राइविंग लाइसेंस और अधिकतम 30 दिनों के अंदर मकान का नक्शा देने का बड़ा फैसला भी लिया गया। पहले आवेदन करने पर ड्राइविंग लाइसेंस मिलने में कम से कम 30 दिन लगते थे, जबकि नक्शा देने की व्यवस्था लोक सेवाओं के अधिकार कानून में शामिल नहीं थी। 

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कुछ नई योजनाएं भी आरटीपीएस में शामिल 
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि परिवहन और नगर एवं आवास विभाग की कुछ नई सेवाओं को इसके दायरे में लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। नई योजनाओं के शामिल होने के साथ ही इस अधिनियम में शामिल सेवाओं की संख्या 58 हो गई है। 

लाइसेंस का स्मार्ट कार्ड में परिवर्तन सात दिन 
उन्होंने बताया कि अब तक वाहनों के ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन पर लाइसेंस देने में कम से कम 30 दिन का समय लगता था। संशोधन के बाद ड्राइविंग लाइसेंस अधिकतम 10 दिन के अंदर मिल सकेंगे। लाइसेंस को स्मार्ट कार्ड में परिवर्तित करने में पहले 15 दिन का वक्त लगता था अब महज सात दिन में यह कार्य होगा। इसी तरह निजी वाहनों का निबंधन 30 की बजाय सात दिन, व्यावसायिक वाहनों का निबंधन 30 की बजाय 10 दिन, वाहनों का रद्दीकरण प्रमाणपत्र 45 दिन की बजाय 30 दिन, वाहनों का ट्रेड प्रमाणपत्र 15 दिन की जगह महज 10 दिन में जारी होगा। दुर्घटनाग्रस्त वाहनों की जांच अधिकतम 15 दिनों में हो सकेगी। वाहनों के परमिट जिला स्तर पर 10 दिन में, क्षेत्रीय स्तर पर 30 दिन और राज्य स्तर पर 60 दिन में जारी होंगे। 

मकान के नक्शे मिलेंगे महज तीस दिनों में 
आरटीपीएस के दायरे में शामिल नगर एवं आवास विभाग की योजनाओं में नक्शा पास करने को प्रमुखता दी गई है। नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायतों में अब तक नक्शा स्वीकृत होने की कोई मियाद तय नहीं थी। परन्तु, आरटीपीएस के दायरे में योजना को शामिल करते हुए यह व्यवस्था कर दी गई है कि मकानों के नक्शे अधिकतम 30 दिन में स्वीकृत या अस्वीकृत किए जाएंगे। 

प्रदूषण जांच केंद्र के आवेदन 30 दिन में पास होंगे 
मंत्रिमंडल ने नए प्रदूषण जांच केंद्र खोलने वालों को बड़ी सहूलियत देते हुए यह व्यवस्था बना दी है कि वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के आवेदन अधिकतम 30 दिन के अंदर स्वीकृत या अस्वीकृत किए जाएंगे। पूर्व से चलने वाले जांच केंद्रों के नवीनीकरण का प्रमाणपत्र 30 दिन में जारी किया जाएगा। नए प्रदूषण स्थल की जांच अधिकतम दस दिन में की जाएगी। 

विभिन्‍न महकमे में 1879 पदों पर होगी बहाली
सरकार प्रदेश के अलग-अलग महकमे में विभिन्न श्रेणी के 1879 पदों पर बहाली करेगी। जिन विभागों में बहालियां होनी हैं उनमें समाज कल्याण, पंचायती राज और स्वास्थ्य विभाग हैं। बैठक में समाज कल्याण विभाग के तहत संचालित विभिन्न तरह के गृहों में रहने वाले लाभार्थियों के भोजन दवा व अन्य मद में दी जाने वाली सहायता राशि में वृद्धि का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया। 

समाज कल्याण में 1465 नियुक्तियां 
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि स्टेट सोसायटी फॉर अल्ट्रा पुअर एंड सोशल वेलफेयर (सक्षम) के तहत वल्र्ड बैंक की परियोजना के लिए स्वीकृत पदों को प्रत्यार्पित करते हुए नियमित आधार पर समाज कल्याण विभाग में जिला एवं अनुमंडल स्तर के कुल 1465 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। इनमें सेंटर मैनेजर 63, यूडीसी 63, केस मैनेजर 101, सीनियर फिजियो थेरेपिस्ट 101, ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट 101, फिजियो थेरेपिस्ट 139, मोबिलिटी इंस्ट्रक्टर 101, ऑडियोलॉजिस्ट सह स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजिस्ट 101, परामर्शी 101, टेक्निीशियन 139, स्पीच हेयङ्क्षरग टेक्निीशियन 139, प्रोस्थेटिक एंड ऑर्थोटिक 101, पारामेडिक 38, केयर गिवर 101, कुक सह हेल्पर, 38, ड्राइवर 38 के पद हैं। 

स्वास्थ्य विभाग में 111 पदों पर बहाली 
समाज कल्याण के अलावा स्वास्थ्य विभाग के तहत 36 सदर अस्पतालों में स्पीच पैथोलॉजिस्ट सह ऑडियोलॉजिस्ट के एक-एक कुल 36 और ऑडियोग्राफर के 36 पद सृजित किए गए हैं। जबकि पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट एवं नेफ्रोलॉजी विभाग के लिए विभिन्न पद नाम से स्वीकृत 39 नर्सिंग पदों को प्रत्यर्पित करते हुए ए ग्रेड नर्स के लिए 39 पदों पर भी बहाली होगी। जबकि पंचायती राज विभाग में कुल 303 पद सृजित किए गए हैं। इनमें प्रखंड पंचायतीराज पदाधिकारी के 188, व्याख्याता 58, अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी 38 प्राचार्य और सहायक निदेशक के 19 पदों पर नियुक्तियां होंगी। 

कैंसर संस्थान के लिए 77.29 करोड़ मंजूर 
मंत्रिमंडल ने केंद्रीय सहायता से इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान शेखपुरा में बनाए जा रहे स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट का कार्य जल्द से जल्द पूरा करने के लिए 77.29 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इस राशि में केंद्र का भी हिस्सा है। हालांकि केंद्र सरकार की राशि अब तक प्राप्त नहीं हुई है। राज्य सरकार ने अपने संसाधन से यह राशि मुहैया कराई है। 

सरकारी गृह में रहने वाले लाभार्थियों को भोजन के लिए मिलेंगे 2300 रुपये 
मंत्रिमंडल ने समाज कल्याण विभाग के तहत संचालित विभिन्न तरह के गृहों में रहने वाले लाभार्थियों के भोजन दवा व अन्य मद में दी जाने वाली सहायता राशि में वृद्धि का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है। सरकारी गृहों में रहने वाले लाभार्थियों को अब भोजन के लिए हर महीने 2300 रुपये मिलेंगे। पहले भोजन के लिए 1512 रुपये ही मिलते थे। इसी प्रकार तेल, साबुन दवा के लिए 648 की बजाय 700, बेडशीट के लिए वर्ष में एक बार 800 की जगह 12 सौ रुपये दिए जाएंगे। इन गृहों का भवन किराया, परिवहन भत्ता और जल, विद्युत की दरें एसडीओ तय करेंगे। इन गृहों की सफाई के लिए अब वर्ष में एक बार 2.50 लाख रुपये दिए जाएंगे। पूर्व में दो लाख रुपये ही मिलते थे। इसके अलावा इन गृहों के कर्मियों को सरकार ने यात्रा विपत्र की सुविधा और सांस्कृतिक आयोजन करने की मंजूरी भी दी है। सांस्कृतिक आयोजन के लिए वर्ष में एक बार 50 हजार रुपये दिए जाएंगे। 

पटना मेट्रो का रास्‍ता साफ 
पटना मेट्रो का काम डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड) को सौंपने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी मिली। डीएमआरसी 482.87 करोड़ रुपये लेकर मानव संसाधन मुहैया कराएगी। पीएमआरसी (पटना मेट्रो रेल कारपोरेशन) के दो रूट के निर्माण की जिम्मेदारी डीएमआरसी को सौंपी गई है। पहला रूट दानापुर से मीठापुर तक और दूसरा पटना जंक्शन से न्यू आइएसबीटी तक है। पहले चरण में दोनों रूट पर निर्माण की जिम्मेदारी डीएमआरसी को दी गई है।
नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रस्ताव पर सरकार ने मनोनयन के आधार डीएमआरसी को जिम्मेदारी सौंपी है। सरकार ने तीन महीने के अंदर डीएमआरसी को काम शुरू करने का निर्देश दिया है। उम्मीद है कि नवंबर तक डीएमआरसी निर्माण कार्य शुरू करा देगी। शीघ्र ही भूमि अधिग्रहण काम शुरू करने की तैयारी है।
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