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वस्तुनिष्ठ सवालों में भी अतिरिक्त प्रश्नों के विकल्प से परिणाम बेहतर

पटना बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा जारी मैट्रिक के रिजल्ट में वस्तुनिष्ठ सवालों में भी अतिरिक्त प्रश्न थे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 10:00 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 10:00 PM (IST)
वस्तुनिष्ठ सवालों में भी अतिरिक्त प्रश्नों के विकल्प से परिणाम बेहतर
वस्तुनिष्ठ सवालों में भी अतिरिक्त प्रश्नों के विकल्प से परिणाम बेहतर

पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा जारी मैट्रिक के रिजल्ट में वस्तुनिष्ठ सवालों में भी अतिरिक्त प्रश्नों के विकल्प ने छात्रों की काफी मदद की। पहली बार बोर्ड परीक्षा में यह विकल्प दिया गया था। हर विषय में 50 फीसद वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को हल करना था। इनमें 20 फीसद अतिरिक्त प्रश्न थे। यानी 60 वस्तुनिष्ठ प्रश्नों में 50 के ही जवाब देने थे। इससे परीक्षार्थियों को काफी सहायता मिली। इसके अलावा लघुउत्तरीय सवालों के 75 फीसद विकल्प दिए गए। जबकि दीर्घ उत्तरीय सवालों में 100 फीसद विकल्प थे। इस वर्ष स्टेपवाइज मार्किंग की व्यवस्था की गई थी, उसका भी लाभ परीक्षार्थियों को मिला। अगर परीक्षार्थियों ने आंशिक रूप से भी सवालों को हल किया तो उसी अनुपात में उन्हें अंक मिले।

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: 90 लाख कॉपियों की जांच बड़ी चुनौती :

राज्य के लगभग 15 लाख परीक्षार्थियों की 90 लाख कॉपियों की जांच आसान नहीं थी। वह भी शिक्षकों की हड़ताल के बीच। पहले शिक्षकों की हड़ताल और उसके बाद लॉकडाउन। फिर भी बोर्ड अपने संकल्प पर कायम रहा और देश में सबसे पहले मैट्रिक का रिजल्ट घोषित कर दिया। राज्य में 17 से 24 फरवरी के बीच परीक्षा आयोजित की गई थी।

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: पहली बार हर कॉपी पर थी परीक्षार्थी की फोटो :

बिहार बोर्ड द्वारा पहली बार हर कॉपी एवं ओएमआर पर परीक्षार्थी की फोटो छापकर मुहैया कराई गई थी। हर कॉपी का बार कोड अलग-अलग था। इसके अलावा प्रत्येक जिले में चार मॉडल मूल्यांकन केंद्र बनाए गए थे। प्रत्येक मूल्यांकन केंद्र पर छह कंप्यूटर की व्यवस्था बिहार बोर्ड की ओर से की गई थी। इन कंप्यूटरों से प्रतिदिन जांच की गई कॉपियों के नंबर अपलोड किए जाते थे। इससे रिजल्ट की प्रोसेसिंग में काफी सहूलियत हुई। कम समय में अंकों को प्रोसेस कर लिया गया।

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: नई तकनीक से परीक्षा परिणाम में व्यापक बदलाव :

बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर के अनुसार मैट्रिक के रिजल्ट को लेकर नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया। नई तकनीक से संपूर्ण परीक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव आया है। बोर्ड ने इस वर्ष मल्टीपल कंप्यूटराइज्ड प्रपत्रों की स्कैनिंग कराकर डाटा तैयार कराया था। इससे रिजल्ट निकालने में काफी सहयोग मिला। नई तकनीक के उपयोग का सबसे अच्छा परिणाम यह रहा कि पेंडिंग रिजल्ट मात्र चार परीक्षार्थियों का ही रहा। पूर्व के वर्षो में हजारों परीक्षार्थियों का रिजल्ट पेंडिंग रहता था।


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