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Bihar Board Result: बिहार बोर्ड ने बनाया रिकॉर्ड, 68 लाख कॉपियों की जांच कर 26 दिनों में दिया इंटर का रिजल्ट

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि जल्दी रिजल्ट जारी करने में बोर्ड का नया सॉफ्टवेयर काफी कारगर साबित हुआ है। नया साफ्टवेयर 16 गुणा अधिक सक्षम है। इस कारण मैट्रिक परीक्षा रिजल्ट भी जल्दी जारी होगा।

By Niraj KumarEdited By: Roma RaginiPublished: Wed, 22 Mar 2023 02:14 PM (IST)Updated: Wed, 22 Mar 2023 02:14 PM (IST)
Bihar Board Result: बिहार बोर्ड ने बनाया रिकॉर्ड, 68 लाख कॉपियों की जांच कर 26 दिनों में दिया इंटर का रिजल्ट
बिहार बोर्ड ने इंटर के रिजल्ट में बनाया रिकॉर्ड

पटना, नीरज कुमार। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने लगातार पांचवें साल देश में सबसे पहले इंटर की परीक्षा करा और जल्दी रिजल्ट जारी कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। बोर्ड ने कॉपियों के मूल्यांकन के मात्र 26 दिनों के अंदर इंटर का रिजल्ट जारी कर दिया है।

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अभी, सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं की परीक्षा ही चल रही है। इसी बीच बिहार बोर्ड ने रिजल्ट घोषित कर दिया। इस साल बिहार बोर्ड की ओर से आयोजित इंटर की परीक्षा में 13 लाख, 4 हजार 586 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इन परीक्षार्थियों की कुल 68 लाख कॉपी और 68 लाख ओएमआर शीट जांच बोर्ड के समक्ष चुनौती थी।

बोर्ड ने इस चुनौती को गंभीरता से लेते हुए मूल्यांकन कार्य सही समय पर पूरा कर लिया। बोर्ड ने मात्र 26 दिनों के अंदर इंटर का रिजल्ट जारी कर दिया। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर का कहना है कि कम समय में रिजल्ट तैयार करने में बोर्ड का नया सॉफ्टवेयर काफी कारगर साबित हुआ है।

उन्होंने कहा कि इस साल रिजल्ट के लिए नए सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्रोसेसिंग की गई। पहले उपयोग होने वाले साफ्टवेयर से नया साफ्टवेयर 16 गुणा अधिक सक्षम है। नये सॉफ्टवेयर को बिहार बोर्ड ने स्वयं तैयार किया है। इसका लाभ राज्य के विद्यार्थियों को मिलने लगा है। नये साफ्टवेयर का लाभ मैट्रिक के छात्र-छात्राओं को भी मिलेगा। बोर्ड मैट्रिक का रिजल्ट भी इसी महीने जारी कर देगा।

बिहार बोर्ड इंटर के परीक्षार्थियों के लिए 100 प्रतिशत वैकल्पिक प्रश्न थे। प्रश्न चाहे वस्तुनिष्ठ हो या विषयनिष्ठ दोनों तरह के प्रश्नों के लिए विकल्प की व्यवस्था की गई थी। उसी का नतीजा रहा है कि पिछले साल से इस साल 3.55 प्रतिशत रिजल्ट में सुधार हुआ है।

बोर्ड को उम्मीद है कि अगले साल इसमें और सुधार होगा। पांच साल का पूरा हुआ संकल्प बिहार बोर्ड ने पांच साल पहले देश का सर्वश्रेष्ठ बोर्ड बनने का संकल्प लिया था। उसके तहत पूरी परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी बनाने का संकल्प लिया गया था। परीक्षा प्रणाली में सुधार के मद्देनजर सबसे पहले नई तकनीकी अपनाने का निर्णय लिया गया।

परीक्षा प्रणाली में आधुनिक तकनीक का समावेश किया गया। इस साल मूल्यांकन केंद्रों पर ही अंकों को फीड करने की व्यवस्था की गई थी। कॉपियों के मूल्यांकन के उपरांत कंप्यूटर के माध्यम से अंकों को अपलोड कर दिया गया। इससे रिजल्ट तैयारी करने में काफी सुविधा हुई।

इसके अलावा, 50 प्रतिशत प्रश्नों का उत्तर ओएमआर शीट पर जवाब देना था। ओएमआर शीट जांच करने में बहुत कम समय लगा, इससे बोर्ड का आधा काम ही हल्का हो गया यानी 68 लाख कॉपियों की जांच महज कुछ घंटों में हो गया। कॉपियों की जांच परीक्षकों से कराई गई, उसके अंकों को संकलन काफी तेजी से कराई गई, जिससे रिजल्ट समय पर जारी कर दिया गया।


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