Move to Jagran APP

बिहार भाजपा अध्‍यक्ष ने की कांग्रेस की तारीफ, संजय जायसवाल ने कहा- चुनौतियों से पार पाने वाले ही जीतते हैं

Bihar Politics भाजपा के बिहार इकाई अध्‍यक्ष संजय जायसवाल ने कांग्रेस नेताओं की हिम्‍मत को सराहा कहा- चुनौतियों से पार पाने वाले ही विजयश्री का वरण करते हैं कांग्रेस के पुनर्जीवित होने की जताई संभावना बोले- चिंतन शिविर का दिख सकता है फायदा

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 06:52 AM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 06:52 AM (IST)
बिहार भाजपा अध्‍यक्ष ने की कांग्रेस की तारीफ, संजय जायसवाल ने कहा- चुनौतियों से पार पाने वाले ही जीतते हैं
Bihar Politics: बिहार भाजपा के अध्‍यक्ष संजय जायसवाल। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics: चिंतन शिविर में बिहार कांग्रेस के नेताओं द्वारा राजद का साथ छोडऩे की उठाई गई मांग पर टिप्पणी करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने कहा है कि कांग्रेस के तथाकथित 'चिंतन शिविर' में जो कुछ भी हुआ, उससे राजनीति में रूचि रखने वाले लोग पूर्व से ही परिचित थे। लोग पहले से ही जान रहे थे कि यह  'चिंतन' पार्टी पर परिवार की पकड़ मजबूत बनाए रखने और परिवार के प्रति वफ़ादारी के 'संकल्प' को बनाए रखने तक ही सीमित रहने वाला है। लेकिन बिहार कांग्रेस के नेताओं का रवैया आश्चर्यजनक रहा है। खबरों के मुताबिक परिवार के समक्ष पहली बार हिम्मत दिखाते हुए बिहार कांग्रेस के नेताओं ने राजद का साथ हर हाल में छोडऩे की सिफारिश की है। 

loksabha election banner

जायसवाल ने कहा कि बहरहाल चुनौतियों से पार पाने वाले ही विजय श्री का वरण करते हैं। उम्मीद है कि राजद के कारण अर्श से फर्श पर पहुंची कांग्रेस नेतृत्व को सद्बुद्धि आ जाए।  लोकतंत्र की मजबूती के लिए दमदार विपक्ष का होना भी जरूरी है। बिहार कांग्रेस यदि पुनर्जीवित होने के लिए राजद का 'हाथ' छोड़ती है तो इस चिंतन शिविर के कुछ सार्थक परिणाम जनता को देखने को मिलेंगे।

चूड़ा और चंद पैसों के लिए कार्यकर्ताओं पर मार, यही है राजद का संस्कार : राजीव रंजन

राज्य ब्यूरो, पटना। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि भ्रष्टाचार को शिष्टाचार मानने वाली राजद दुनिया की इकलौती ऐसी पार्टी होगी जो अपने कार्यकर्ताओं को भी नहीं बख्शती। भागलपुर और नवगछिया के युवा राजद अध्यक्ष के बयान से यह साफ़ है कि इस पार्टी में पैसे के बदले पद देने की प्रथा है। यहां तक कि इनके प्रदेश के नेता अब कार्यकर्ताओं से पैसों के साथ-साथ चूड़ा जैसी वस्तुएं भी मांगने लगे हैं। मांगों को पूरा नहीं करने पर कार्यकर्ताओं को हटा भी दिया जाता है। वास्तव में राजद के संस्कार यही हैं। यही वजह है कि इनकी लूट-खसोट की आदत के शिकार इनके खुद के कार्यकर्ता भी बनने लगे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.