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राजधानी की सड़कों पर नहीं दिखा बिहार बंद का असर

बंद समर्थकों ने राजधानी में कुछ जगहों पर यातायात प्रभावित करने का प्रयास किया पर वे ज्यादा सफल नहीं हो सके।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Feb 2019 08:24 PM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2019 08:24 PM (IST)
राजधानी की सड़कों पर नहीं दिखा बिहार बंद का असर
राजधानी की सड़कों पर नहीं दिखा बिहार बंद का असर

पटना । राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा और दल के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के विरोध में सोमवार को आहूत बिहार बंद का राजधानी की सड़कों पर कोई खास असर नहीं दिखा। सामान्य दिनों की तरह ऑटो और सिटी बसें चलीं। रेल परिचालन भी प्रभावित नहीं हुआ। दोपहर करीब डेढ़ बजे के बाद लगभग तमाम सड़कों से बंद समर्थक गायब हो चुके थे। कहीं से कोई हिंसक झड़प और तोड़फोड़ जैसी बड़ी घटना सामने नहीं आई।

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बताते चलें कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर शनिवार को रालोसपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आक्रोश मार्च निकाला था। इस दौरान डाकबंगला चौराहे को जाम करने पर पार्टी कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हो गई थी। कार्यकर्ताओं ने पथराव किया था। इसके जवाब में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था। लाठीचार्ज में उपेंद्र कुशवाहा समेत कई कार्यकर्ता घायल हो गए थे। इसी के विरोध में सोमवार को बिहार बंद का एलान किया गया था। हालांकि इसका असर प्रभावी ढंग से राजधानी शहर में नहीं पड़ा।

शहर के लगभग तमाम स्कूल खुले थे। चौक-चौराहों पर भारी संख्या में पुलिस बल की मुस्तैदी के कारण बंद समर्थक स्कूल बसों और एंबुलेंस को टारगेट नहीं कर सके। आयकर चौराहे के समीप फल दुकानदारों से दुकानें बंद करने को लेकर बंद समर्थक भिड़ गए थे। उनके बीच मारपीट होने लगी थी। लेकिन, पुलिस ने फौरन हालात पर काबू पा लिया। इधर, पटना जंक्शन पर दो दर्जन समर्थक घुस गए थे। आरपीएफ ने उन्हें खदेड़कर भगा दिया। बुद्ध मार्ग में इंटरमीडिएट काउंसिल के पास दोनों फ्लैंक पर महिलाओं ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। इसके बाद वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से निकाला गया। ट्रैफिक एसपी पीएन मिश्र ने बताया कि पुलिस की तैनाती हर जगह थी। कहीं भी जाम की समस्या उत्पन्न नहीं हुई।

: बंद समर्थकों की शिकायत पर डॉक्टर हिरासत में, बाद में छोड़ा :

पटना के आसपास के इलाकों में भी बंद का छिटपुट प्रभाव रहा। बिहटा में बंद समर्थक एक डॉक्टर से भिड़ गए। बंद समर्थकों की शिकायत पर पुलिस ने डॉक्टर को ही हिरासत में ले लिया। हालांकि, बाद में मामला तूल पकड़ने पर पीआर बांड भरवाकर डॉक्टर को छोड़ दिया गया। पालीगंज में रालोसपा, राजद और माले कार्यकर्ताओं ने बाजार बंद कराया। बाढ़, बिक्रम और अन्य प्रखंडों में भी बंद का हल्का असर रहा। इधर, मसौढ़ी में रसोइया संघ ने अपनी मांगों के समर्थन में 10 मिनट तक ट्रेन परिचालन बाधित किया।


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