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बिहार में GST संशोधन विधेयक पारित, अब एक PAN पर हो सकते कई रजिस्‍ट्रेशन

बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन जीएसटी संशोधन विधेयक पारित कर दिया गया। इस दौरान विपक्ष का हंगामा होता रहा।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 27 Nov 2018 09:43 PM (IST)Updated: Tue, 27 Nov 2018 09:43 PM (IST)
बिहार में GST संशोधन विधेयक पारित, अब एक PAN पर हो सकते कई रजिस्‍ट्रेशन
बिहार में GST संशोधन विधेयक पारित, अब एक PAN पर हो सकते कई रजिस्‍ट्रेशन

पटना [राज्य ब्यूरो]। विधानसभा में मंगलवार को विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच बिहार जीएसटी (संशोधन) विधेयक को मंजूरी मिल गई। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इसे पेश किया। इसमें खास बात यह भी है कि अब एक पैन नंबर पर कई जीएसटी रजिस्‍ट्रेशन संभव हो जाएंगे। इससे पूर्व कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने वित्तीय वर्ष 2012-13 और 2013-14 की राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय से संबंधित सीएजी की रिपोर्ट पर विश्वविद्यालय द्वारा की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सदन में पेश की।

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एक पैन पर कई रजिस्ट्रेशन

जीएसटी संशोधन विधेयक 2018 के माध्यम से कई संशोधनों को मंजूरी दी गई है। इनमें सबसे प्रमुख एक पैन नंबर पर एक से अधिक रजिस्ट्रेशन कराने की इजाजत है। इसके अलावा माल की जब्ती की स्थिति में सात दिनों के पश्चात वसूली की कार्यवाही किए जाने से संबंधी समय सीमा को बढ़ाकर 14 दिन करने के लिए धारा 129 में संशोधन किया गया है।

वर्तमान में एसजीएसटी के भुगतान के लिए जितने आइजीएसटी क्रेडिट का उपयोग किया जाता है, उतनी राशि केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को फंड सेटलमेंट के रूप में प्रतिमाह उपलब्ध कराई जाती है। अभी सेट्लमेंट का प्रतिशत 67 है, जिसे बढ़ाने के लिए धारा 49 में संशोधन किया गया है। अपील दायर करने के पूर्व किसी करदाता द्वारा जमा की जाने वाली राशि की सीमा निर्धारित करते हुए इसे 25 करोड़ रुपये किया गया है।

मंगलवार को विधेयकों को पारित कराने के दौरान हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों ने दो जिलों में सरकारी राशि की बंदरबांट को लेकर मोदी पर जोरदार हमला किया। उनके खिलाफ वेल में जाकर नारेबाजी की।

संशोधन विधेयक पारित किए जाने से पूर्व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कुछ बोलना चाहा। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सदन आर्डर में नहीं है। ऐसे में आप कैसे बोलेंगे? जवाब में तेजस्वी यादव ने कहा कि जब सदन आर्डर में नहीं है तो विधेयक क्यों पारित कराया जा रहा है? उपमुख्यमंत्री के मुताबिक, जीएसटी में पहले किए गए संशोधन को प्रभावी बनाने के लिए अनुरूप अध्यादेश लाया गया था। इस विधेयक से पुराना अध्यादेश खत्म हो गया।

राजस्व संग्रह में 48.39 फीसद का इजाफा

मोदी द्वारा सभा पटल पर रखी गई जीएसटी से संबंधित रिपोर्ट के मुताबिक इसके लागू होने के बाद राजस्व संग्रह में अक्टूबर 2018 तक 48.39 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में जहां 20,277.34 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ था, वहीं अक्टूबर-2018 तक चालू वित्तीय वर्ष में 13,153.97 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ है। उनके मुताबिक, वैट से जीएसटी में 26 नवंबर, 2018 तक 1,66,925 व्यवसायी माइग्रेट हुए हैं, वहीं 2,12,145 लोगों ने नया निबंधन कराया है। कुल 3,39,070 में से 1,31,040 केंद्रीय कार्यक्षेत्र के हैं, जबकि 2,48,030 लोग राज्य सरकार के कार्यक्षेत्र के हैं।


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