विधानसभा में जब दोनों विजय हुए शायराना तो खिलखिला उठे बच्चे, माननीय भी मुस्कुराने को हुए मजबूर
मानसून सत्र के चौथे दिन स्पीकर और संसदीय कार्य मंत्री के बीच खूब हुई शेरो-शायरी। विजय सिन्हा और विजय चौधरी की शेरो-शायरी सुनकर सदस्यों के साथ ही वे बच्चे भी मुस्कुरा उठते जो सदन की कार्यवाही देखने बेतिया से आए थे।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Assembly Monsoon Session : मानसून सत्र के चौथे दिन बुधवार को भले ही विधानसभा में विपक्ष मौजूद नहीं था पर शेरो-शायरी के साथ हास-परिहास खूब हुआ। स्पीकर विजय कुमार सिन्हा (Speaker Vijay Kumar Sinha) और संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी (Minister Vijay Kumar Chaudhary) इसके केंद्र बिंदु रहे। बाहर में आसमान में काले-काले बादल घिरे थे, रुक-रुक कर वर्षा हो रही थी, और इस खुशुनुमा माहौल में सदन के अंदर शेरो-शायरी की फुहार पड़ रही थी... जिसे सुनकर दर्शक दीर्घा में बैठे स्कूली बच्चे खिलखिला रहे थे। ये बच्चे बेतिया से सदन की विधायी कार्य की प्रक्रिया को देखने-समझने आए थे।
जिंदगी हर कदम नया रंग दिखाती है...
सदन में स्पीकर विजय कुमार सिन्हा और संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी के बीच शेरो-शायरी की युगलबंदी पर सत्तापक्ष के बीच ठहाके भी खूब लगे। सदन में शेरो शायरी का माहौल कुछ इस अंदाज में बना-एक ध्यानाकर्षण सूचना पर सरकार का पक्ष रखते हुए विजय चौधरी जब अपनी सीट पर बैठे तो स्पीकर मुस्कुरा कर बोले-आपसे सदन को बहुत उम्मीद है। तब विजय चौधरी ने दार्शनिक अंदाज में आसन से बोले-शांत रहिए, संतुलित रहिए। जिंदगी में सदा मुस्कुराते रहिए। जिंदगी में सदा मुस्कुराते रहो, फासले कम करो, दूरियां मिटाते रहो।
अब बारी स्पीकर महोदय की थी। उन्होंने एक शेर पढ़ा-जिंदगी हर कदम नया रंग दिखाती है...। फिर दोनों यहीं नहीं रुके बल्कि कुछ देर माहौल दोनों लोगों की शेरो-शायरी में आनंदित रहा। इस क्रम में विजय चौधरी अपने ही अंदाज में बोले-हम तो आपके आने की आहट बहुत पहले पहचान लेते हैं...। फिर क्या? सदस्य मुस्कुरा उठे। इस बीच किसी सदस्य की आवाज सुनाई दी। वो बोल गए-मान गए आपको। सदन का यह अनुभव जानकर दर्शक दीर्घा में स्कूली बच्चे भी मुस्कुराते रहे।
दोनों सदनों से विनियोग विधेयक पारित
विधानमंडल के दोनों सदनों में बुधवार को बिहार विनियोग विधेयक 2022 ध्वनिमत से पारित हो गया। उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने इसे दोनों सदनों में पेश किया था। इस विधेयक के माध्यम से सरकार के विभिन्न विभागों के लिए खजाना से 43 हजार 774 करोड़ रुपया खर्च करने का अधिकार मिल गया है। इसमें से 29 हजार 624 करोड़ राजस्व मद में खर्च होगा। पूंजीगत मद में 14 हजार 150 करोड़ रुपया निर्धारित है।